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नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक ने जलवायु परिवर्तन संबंधी मुद्दों से निपटने के लिए इससे जुड़ी जोखिम सूचना प्रणाली बनाने का बुधवार को प्रस्ताव किया।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकान्त दास ने द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा पेश करते हुए बुधवार को कहा कि केंद्रीय बैंक वित्तीय प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण जोखिमों में से एक के रूप में उभर रहे जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए ‘रिजर्व बैंक जलवायु जोखिम सूचना प्रणाली’ (आरबी-सीआरआईएस) भी बनाएगा।
दास ने कहा कि विनियमित संस्थाओं के लिए अपनी बही-खाता और वित्तीय प्रणाली की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए जलवायु जोखिम आकलन करना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के आकलन के लिए अन्य बातों के अलावा स्थानीय जलवायु परिदृश्यों, जलवायु पूर्वानुमानों और उत्सर्जन से संबंधित उच्च गुणवत्ता वाले आंकड़ों की आवश्यकता होती है। जलवायु से संबंधित उपलब्ध आंकड़ों में विभिन्न अंतराल हैं, जैसे खंडित तथा विविध स्रोत, भिन्न प्रारूप, आवृत्तियां व इकाइयां।
दास ने कहा कि इन अंतरालों को पाटने के लिए रिजर्व बैंक दो भागों वाला एक डेटा संग्रह‘आरबी-सीआरआईएस’ बनाने का प्रस्ताव करता है।
आरबीआई के अनुसार, पहला भाग एक वेब-आधारित निर्देशिका है, जिसमें विभिन्न डेटा स्रोतों (मौसम विज्ञान, भू-स्थानिक, आदि) को सूचीबद्ध किया जाएगा, जो आरबीआई की वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध होंगे। दूसरा भाग एक डेटा मंच होगा जिसमें डेटासेट (मानकीकृत प्रारूपों में संसाधित डेटा) शामिल होंगे। इस डेटा मंच तक पहुंच चरणबद्ध तरीके से केवल विनियमित संस्थाओं को ही उपलब्ध कराई जाएगी।
भाषा निहारिका अजय
अजय
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