पेटीएम पेमेंट्स बैंक से जुड़ी ग्राहकों की शंकाओं का समाधान करेगा आरबीआई का ‘एफएक्यू’

पेटीएम पेमेंट्स बैंक से जुड़ी ग्राहकों की शंकाओं का समाधान करेगा आरबीआई का ‘एफएक्यू’

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  • Publish Date - February 12, 2024 / 06:54 PM IST,
    Updated On - February 12, 2024 / 06:54 PM IST

नयी दिल्ली, 12 फरवरी (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) पेटीएम पेमेंट्स बैंक लि. (पीपीबीएल) को लेकर ग्राहकों से जुड़े विभिन्न मुद्दों के समाधान को लेकर इस सप्ताह एफएक्यू (बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों की सूची) जारी करेगा।

आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल की 606वीं बैठक को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के परंपरागत संबोधन के बाद गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘एफएक्यू की प्रतीक्षा करें। इसमें पीपीबीएल के ग्राहकों से संबंधित मामलों का स्पष्टीकरण होगा। हमारी प्राथमिकता है कि ग्राहकों को असुविधा न हो। ग्राहक हित और जमाकर्ताओं का हित हमारे लिए सर्वोपरि है।’’

आरबीआई ने 31 जनवरी पेटीएम पेमेंट्स बैंक के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई करते हुए उसे 29 फरवरी के बाद किसी भी ग्राहक खाते, वॉलेट, फास्टैग और अन्य उत्पादों में जमा या ‘टॉप-अप’ स्वीकार करना बंद करने का निर्देश दिया।

यह पूछे जाने पर कि क्या 29 फरवरी की समयसीमा बढ़ाई जाएगी, दास ने कहा, “एफएक्यू का इंतजार करें।’’

उन्होंने कहा, ‘‘एफएक्यू में आरबीआई के फैसले की समीक्षा की उम्मीद न करें। एफएक्यू जमाकर्ताओं, ग्राहकों, वॉलेट उपयोगकर्ताओं, फास्टैग धारकों से संबंधित मुद्दों का हल करेगा। ग्राहकों के हित में जो कुछ भी है, हम उसको लेकर एफएक्यू पर काम कर रहे हैं।’’

इससे पहले दिन में वित्त मंत्री सीतारमण ने आरबीआई के केंद्रीय निदेशक मंडल को संबोधित किया।

बैठक के दौरान, वित्त मंत्री ने 2024-25 के अंतरिम बजट की प्रमुख बातों और वित्तीय क्षेत्र से अपेक्षाओं को लेकर अपनी बात कही।

निदेशकों ने बजट पर वित्त मंत्री की सराहना की और अपने विचार साझा किये।

केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी और भगवत किशनराव कराड भी मौजूद थे। इसके अलावा, वित्त सचिव टीवी सोमनाथन और वित्तीय सेवा सचिव विवेक जोशी सहित मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।

निदेशक मंडल ने भू-राजनीतिक स्थिति और वैश्विक वित्तीय बाजार की अस्थिरता से उत्पन्न चुनौतियों सहित वैश्विक और घरेलू आर्थिक स्थिति की भी समीक्षा की।

बैठक में डिप्टी गवर्नर माइकल देबब्रत पात्रा, एम राजेश्वर राव, टी रबी शंकर, स्वामीनाथन जे और केंद्रीय बोर्ड के अन्य निदेशक – सतीश के मराठे, एस गुरुमूर्ति, रेवती अय्यर, सचिन चतुर्वेदी, वेणु श्रीनिवासन, पंकज रमनभाई पटेल और रवींद्र एच ढोलकिया – मौजूद थे।

भाषा

रमण अजय

अजय