रिजर्व बैंक ने कृत्रिम मेधा के नैतिक उपयोग पर आठ-सदस्यीय समिति बनाई

रिजर्व बैंक ने कृत्रिम मेधा के नैतिक उपयोग पर आठ-सदस्यीय समिति बनाई

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  • Publish Date - December 26, 2024 / 04:12 PM IST,
    Updated On - December 26, 2024 / 04:12 PM IST

मुंबई, 26 दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने वित्तीय क्षेत्र में कृत्रिम मेधा (एआई) के जिम्मेदार एवं नैतिक इस्तेमाल के बारे में एक रूपरेखा तैयार करने के लिए बृहस्पतिवार को आठ-सदस्यीय समिति के गठन की घोषणा की।

आरबीआई ने बयान में कहा कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), मुंबई में कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर पुष्पक भट्टाचार्य इस समिति के अध्यक्ष होंगे।

यह समिति वैश्विक और घरेलू स्तर पर वित्तीय सेवाओं में एआई की स्वीकार्यता के वर्तमान स्तर का आकलन करेगी। यह वैश्विक स्तर पर वित्तीय क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए एआई पर नियामकीय एवं पर्यवेक्षी दृष्टिकोण की भी समीक्षा करेगी।

यह पैनल एआई से जुड़े संभावित जोखिमों की भी पहचान करेगा। यह बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), वित्तीय-प्रौद्योगिकी फर्मों के लिए एआई से जुड़े जोखिमों के मूल्यांकन, निपटान, निगरानी ढांचे एवं अनुपालन बिंदुओं की सिफारिश करेगा।

रिजर्व बैंक की इस महीने की शुरुआत में मौद्रिक समीक्षा बैठक के बाद एआई पर विशेषज्ञ समिति बनाए जाने की घोषणा की गई थी। उसी घोषणा के अनुरूप आरबीआई ने इसके सदस्यों एवं उनके दायित्वों का ब्योरा जारी किया है।

आरबीआई ने कहा कि समिति भारतीय वित्तीय क्षेत्र में एआई मॉडल एवं अनुप्रयोगों को जिम्मेदार, नैतिक रूप से अपनाने से संबंधित संचालन पहलुओं की एक रूपरेखा की सिफारिश करेगी।

इस समिति में देबजानी घोष (स्वतंत्र निदेशक, रिजर्व बैंक इनोवेशन हब), बलरामन रवींद्रन (प्रोफेसर और प्रमुख, वाधवानी स्कूल ऑफ डेटा साइंस एंड एआई, आईआईटी मद्रास), अभिषेक सिंह (अतिरिक्त सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय) भी शामिल हैं।

इनके अलावा राहुल मथन (साझेदार, ट्राइलीगल), अंजनी राठौर (समूह प्रमुख और मुख्य डिजिटल अनुभव अधिकारी, एचडीएफसी बैंक), श्री हरि नागरालू (सुरक्षा एआई अनुसंधान प्रमुख, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया) और सुवेंदु पति (मुख्य महाप्रबंधक, वित्त प्रौद्योगिकी, आरबीआई) को भी इसका सदस्य बनाया गया है।

आरबीआई ने कहा कि समिति अपनी पहली बैठक की तारीख से छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय