आरबीआई की नीति उम्मीद के अनुरूप, रुख में नरमी सक्रियता से उठाया गया कदम: बैंकर

आरबीआई की नीति उम्मीद के अनुरूप, रुख में नरमी सक्रियता से उठाया गया कदम: बैंकर

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  • Publish Date - October 9, 2024 / 09:22 PM IST,
    Updated On - October 9, 2024 / 09:22 PM IST

मुंबई, नौ अक्टूबर (भाषा) बैंकों के शीर्ष अधिकारियों ने बुधवार को कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का नीतिगत दरों को स्थिर रखने का फैसला उम्मीद के अनुरूप ही है। बैंकरों ने केंद्रीय बैंक के रुख में नरमी को सक्रिय रूप से उठाया गया एक सकारात्मक कदम बताया।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने कहा, ”आरबीआई का नीतिगत रुख मजबूत वृद्धि और मुद्रास्फीति में नरमी की चाल को मान्यता देता है। रुख में बदलाव कर इसे तटस्थ करना सक्रिय रूप से उठाया गया एक सकारात्मक कदम है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आरबीआई मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत के लक्ष्य पर बनाये रखने के लिए मुस्तैद रहे।”

स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जरीन दारूवाला ने कहा कि यथास्थिति बनाये रखने का फैसला वित्त वर्ष 2024-25 के लिए मजबूत आर्थिक अनुमानों के चलते लिया गया है। साथ ही तटस्थ रुख मुद्रास्फीति को तय सीमा में बनाये रखने के आरबीआई के विश्वास को दर्शाता है।

साउथ इंडियन बैंक के मुख्य वित्तीय अधिकारी विनोद फ्रांसिस ने कहा, ”एमपीसी का रुख बदलकर ‘तटस्थ’ करना उत्साहजनक है। हम आगामी घोषणाओं में दरों में कटौती की उम्मीद कर सकते हैं।”

कोटक महिंद्रा बैंक के वाणिज्यिक बैंकिंग प्रमुख मनीष कोठारी ने कहा कि मुद्रास्फीति पर स्पष्ट तौर से ध्यान देने के बारे में बार-बार बात की गई। इससे संकेत मिलता है कि भविष्य में दरों में कोई भी कटौती मुद्रास्फीति के नीचे आने पर निर्भर करेगी।

बैंक कर्मचारियों के निकाय आईबीए के चेयरमैन और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक एम वी राव ने कहा कि नीति अपेक्षित दिशा में है। आरबीआई अभी भी मुद्रास्फीति को लक्षित सीमा के भीतर रखने के बारे में सतर्क रहेगा।

इण्डियन ओवरसीज बैंक के प्रबंध निदेशक और सीईओ अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि आरबीआई का रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बनाये रखने का फैसला मुद्रास्फीति के दबावों का मुकाबला करते हुए वृद्धि को समर्थन देने की दिशा में एक संतुलित नजरिये को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि यूपीआई लेनदेन सीमा में वृद्धि भी एक सकारात्मक कदम है और इससे डिजिटल लेनदेन की प्रक्रिया आसान होगी।

भाषा पाण्डेय प्रेम

प्रेम