मुंबई, 28 जून (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों की कुल अर्थोपाय अग्रिम (डब्ल्यूएमए) सीमा को संशोधित कर एक जुलाई से 60,118 करोड़ रुपये कर दिया।
वर्तमान समय में इसकी सीमा 47,010 करोड़ रुपये है।
डब्ल्यूएमए का आशय केंद्र, राज्य सरकारों एवं केंद्रशासित प्रदेशों को प्राप्तियों एवं भुगतानों में किसी भी तरह का असंतुलन दूर करने के लिए रिजर्व बैंक की तरफ से दिए जाने वाले अस्थायी अग्रिम से है।
अर्थोपाय सीमा में संशोधन आरबीआई के बनाए समूह की सिफारिशों के आधार पर किया गया है। इस समूह में चुनिंदा राज्यों के वित्त सचिव शामिल थे। उन्होंने हाल के वर्षों में राज्यों के व्यय आंकड़ों को ध्यान में रखते हुए अपनी सिफारिशें दी थीं।
आरबीआई ने एक बयान में कहा, ‘राज्य सरकारों/ केंद्रशासित प्रदेशों के लिए संशोधित कुल डब्ल्यूएमए सीमा 60,118 करोड़ रुपये होगी जो फिलहाल 47,010 करोड़ रुपये है।’
विशेष आहरण सुविधा (एसडीएफ), डब्ल्यूएमए और ओवरड्राफ्ट (ओडी) सुविधाओं के जरिये राज्य सरकारों/ केंद्रशासित प्रदेशों को दी गई वित्तीय सुविधा की सीमाओं की पिछली बार समीक्षा की गई थी और एक अप्रैल, 2022 को इसकी घोषणा की गई थी।
इसके साथ ही आरबीआई ने कहा कि राज्य सरकारों/ केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा प्राप्त एसडीएफ को नीलामी ट्रेजरी बिल (एटीबी) समेत सरकार द्वारा जारी प्रतिभूतियों में उनके निवेश की मात्रा से जोड़ा जाना जारी रहेगा।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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