आरबीआई ने ‘सेंट्रल काउंटरपार्टी’ के लिए 300 करोड़ रुपये का नेटवर्थ तय किया

आरबीआई ने ‘सेंट्रल काउंटरपार्टी’ के लिए 300 करोड़ रुपये का नेटवर्थ तय किया

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  • Publish Date - October 28, 2024 / 07:46 PM IST,
    Updated On - October 28, 2024 / 07:46 PM IST

मुंबई, 28 अक्टूबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने सोमवार को कहा कि ‘सेंट्रल काउंटरपार्टी’ (सीसीपी) के रूप में काम करने को इच्छुक इकाई के पास आवेदन जमा करते समय न्यूनतम नेटवर्थ 300 करोड़ रुपये का होना चाहिए।

सीसीपी एक वित्तीय बाजार ढांचागत संगठन है जो वित्तीय साधनों (विदेशी मुद्रा डेरिवेटिव और मुद्रा बाजार उत्पाद आदि) के खरीदारों और विक्रेताओं के बीच मध्यस्थ के रूप में कार्य करता है। यह अपने लेनदेन के निपटान को प्रभावी बनाने के उद्देश्य से प्रत्येक विक्रेता के लिए खरीदार और प्रत्येक खरीदार के लिए विक्रेता बन जाता है।

केंद्रीय बैंक ने सोमवार को ‘सेंट्रल काउंटरपार्टीज’ के लिए अपने जून, 2019 मानदंडों को अद्यतन किया।

संशोधित निर्देशों के अनुसार, प्रत्येक अधिकृत सीसीपी को वित्तीय वर्ष की समाप्ति के छह महीने के भीतर वैधानिक लेखा परीक्षक से वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर ऑडिट किया हुआ नेटवर्थ प्रमाणपत्र जमा करना होगा।

इसके अलावा, अधिकृत सीसीपी शेयरों के जरिये लिमिटेड सार्वजनिक कंपनी होनी चाहिए।

आरबीआई ने कहा, ‘‘अधिकृत सीसीपी के शेयर उन व्यक्तियों के पास होंगे जो अधिकृत सीसीपी के उपयोगकर्ता हैं। यदि कोई व्यक्ति उपयोगकर्ता नहीं रह जाता है, तो सीसीपी यह सुनिश्चित करेगी कि उस व्यक्ति के शेयरों का विनिवेश हो जाए।’’

केंद्रीय बैंक ने कहा कि एक विदेशी सीसीपी को भारत में समाशोधन और निपटान सहित अपने संचालन के लिए मान्यता प्राप्त सीसीपी के रूप में अनुमोदन के लिए आरबीआई के पास आवेदन करना होगा।

साथ ही, प्रत्येक अधिकृत सीसीपी को एक स्वतंत्र निदेशक की अध्यक्षता में एक नियामकीय अनुपालन समिति का गठन करने की जरूरत है।

भाषा रमण अजय

अजय