आरबीआई डिप्टी गवर्नर ने सीओसी के लिए लागू करने योग्य आचार संहिता की वकालत की

आरबीआई डिप्टी गवर्नर ने सीओसी के लिए लागू करने योग्य आचार संहिता की वकालत की

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  • Publish Date - December 7, 2024 / 04:35 PM IST,
    Updated On - December 7, 2024 / 04:35 PM IST

नयी दिल्ली, सात दिसंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर एम राजेश्वर राव ने शनिवार को दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत लेनदारों की समिति (सीओसी) के लिए लागू करने योग्य आचार संहिता की वकालत की।

राव ने कहा कि 2016 में पेश की गई दिवाला और शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) ने वसूली और समाधान तंत्र के रूप में महत्वपूर्ण गति की है।

उन्होंने कहा कि सीओसी के क्षेत्र के संबंध में महत्वपूर्ण सुधार की आवश्यकता है। आईबीसी के तहत कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया को लागू करने में सीओसी की महत्वपूर्ण भूमिका है।

राव ने राष्ट्रीय राजधानी में एक सम्मेलन में कहा कि ऐसे उदाहरण हैं, जहां सीओसी के प्रदर्शन में कई पहलुओं की कमी पाई गई है।

उन्होंने कहा, ”इसमें समूह के सामूहिक हितों पर व्यक्तिगत ऋणदाताओं के हितों को प्राथमिकता देना, कम मूल्यांकन और व्यवहार्यता की कथित कमी जैसी चिंताएं शामिल हैं।”

राव ने कहा कि समाधान योजना पर सहमति होने पर भी सीओसी की बैठकों में गैर-भागीदारी और सदस्यों के बीच प्रभावी जुड़ाव, समन्वय या सूचना के आदान-प्रदान की कमी देखी गई है।

उन्होंने कहा, ”हमें सीओसी के लिए एक लागू करने योग्य आचार संहिता की जरूरत है।” उन्होंने कहा कि आदर्श रूप से आईबीबीआई के पास सभी हितधारकों के आचरण के लिए मानदंड लागू करने की शक्तियां होनी चाहिए।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय