आरबीआई के रुख में बदलाव से अगली बैठक में नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद: रियल एस्टेट |

आरबीआई के रुख में बदलाव से अगली बैठक में नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद: रियल एस्टेट

आरबीआई के रुख में बदलाव से अगली बैठक में नीतिगत दर में कटौती की उम्मीद: रियल एस्टेट

:   Modified Date:  October 9, 2024 / 02:55 PM IST, Published Date : October 9, 2024/2:55 pm IST

नयी दिल्ली, नौ अक्टूबर (भाषा) जमीन-जायदाद के विकास से जुड़ी कंपनियों और विशेषज्ञों ने बुधवार को भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समीक्षा में रुख बदलकर ‘तटस्थ’ करने का स्वागत करते हए कहा कि इससे नीतिगत दर में जल्द कटौती की उम्मीद है।

उन्होंने यह भी कहा कि रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखने से ब्याज दर के मोर्चे पर स्थिरता बनी रहेगी जिससे आगामी त्योहारों के दौरान मकानों की मांग बढ़ने की उम्मीद है।

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार दसवीं बार नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। हालांकि केंद्रीय बैंक ने साथ ही ‘अपेक्षाकृत आक्रामक’ रुख को बदलकर ‘तटस्थ’ कर दिया।

रियल एस्टेट क्षेत्र का शीर्ष निकाय नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नारेडको) के अध्यक्ष जी. हरि बाबू ने कहा, ‘‘ हम भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने के निर्णय का स्वागत करते हैं। यह आर्थिक वृद्धि को बनाए रखने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह मुद्रास्फीति और वृद्धि को संतुलित करने के लिए आरबीआई की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो रियल एस्टेट सहित विभिन्न क्षेत्रों को राहत प्रदान करता है। रुख में बदलाव कर उसे तटस्थ करना विवेकपूर्ण निर्णय है। यह भविष्य की मौद्रिक नीति निर्णयों में लचीलापन लाने की अनुमति देता है।’’

हरि बाबू ने साथ ही आरबीआई से दर को अगली समीक्षा में कम करने का आग्रह भी किया।

उन्होंने कहा, ‘‘ हालांकि ब्याज दरें ऊंची बनी हुई हैं, लेकिन हमारा सुझाव है कि आरबीआई एमपीसी की अगली बैठक में नीतिगत दर में कमी लाने पर विचार करे… इससे आर्थिक वृद्धि को और बढ़ावा मिलेगा, आवासीय मांग बढ़ेगी और रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश को गति मिलेगी।’’

क्रेडाई ने कहा कि आरबीआई को मौजूदा त्योहारों के दौरान आवास की मांग को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख नीतिगत में कटौती करनी चाहिए थी।

क्रेडाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष बोमन ईरानी ने कहा हालांकि इस समय दर में कटौती से उद्योगों में उपभोक्ता मांग में तेजी लाने में मदद मिलती। उन्होंने उम्मीद जतायी कि केंद्रीय बैंक अगली तिमाही में नीतिगत दर में कटौती करेगा।

रियल एस्टेट से जुड़ी सेवाएं देने वाली और निवेश कंपनी सीबीआरई के चेयरमैन एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया व अफ्रीका) अंशुमान मैगजीन ने कहा, ‘‘ रेपो दर को यथावत रखने का आरबीआई का निर्णय आर्थिक वृद्धि हासिल करने और मुद्रास्फीति के स्तर को प्रबंधित करने के बीच एक संतुलित दृष्टिकोण को दर्शाता है। आगामी त्योहारों के मद्देनजर इस निर्णय से इस क्षेत्र की मौजूदा गति को समर्थन मिलने की संभावना है। ’’

नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक शिशिर बैजल ने कहा, ‘‘ देश की आर्थिक वृद्धि की गति मजबूत बनी हुई है। बढ़ती मुद्रास्फीति के जोखिम के साथ केंद्रीय बैंक ने अपने नीतिगत रुख को समायोजित करते हुए नीतिगत रेपो दर को यथावत रखने का फैसला किया है। हम तटस्थ रुख में बदलाव का स्वागत करते हैं, क्योंकि यह निकट भविष्य में संभावित ब्याज दर में कटौती का रास्ता खोलता है।’’

कोलियर्स इंडिया के वरिष्ठ निदेशक एवं अनुसंधान प्रमुख विमल नादर ने कहा, ‘‘आरबीआई ने नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा है, लेकिन मौद्रिक नीति रुख को बदलकर ‘तटस्थ’ करने का फैसला निकट भविष्य में ब्याज दर में संभावित कमी करने का संकेत देता है। रेपो दर की मौजूदा स्थिरता त्योहारों के समय आवासीय अचल संपत्ति को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगी क्योंकि आवास ऋण की ब्याज दर स्थिर रहने की संभावना है।’’

क्रिसुमी कॉरपोरेशन के प्रबंध निदेशक मोहित जैन ने कहा, ‘‘ शीर्ष बैंक का लगातार दसवीं बार दरों को अपरिवर्तित रखने का रुख अपेक्षा के अनुरूप है। हालांकि रियल एस्टेट उद्योग ब्याज दर में कमी की उम्मीद कर रहा था, लेकिन यथास्थिति भी उद्योग के लिए अच्छी खबर है। इसके अलावा, आने वाले महीनों में नीतिगत दर में संभावित कटौती की उम्मीद भी रियल एस्टेट बाजार में आशावाद को बढ़ा रही है और हमें उम्मीद है कि अगले कुछ वर्षों में मांग में मजबूती जारी रहेगी।’’

सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लि. के संस्थापक एवं चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल ने कहा, ‘‘ आरबीआई द्वारा दरों को स्थिर रखने का निर्णय उम्मीदों के अनुरूप है, ताकि मुद्रास्फीति को काबू में रखा जा सके। हाल ही में अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा दरों में कटौती ने भारत में भी इसी तरह की उम्मीदें जगाई थी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘घरेलू स्थिति अलग बनी हुई है, जिसमें केंद्रीय बैंक ने अपने लक्ष्य सीमा के भीतर मुद्रास्फीति प्रबंधन को प्राथमिकता दी है। हालांकि जल्द ही दरों में कटौती की उम्मीद है, जिससे मकाने खरीदने वालों और रियल एस्टेट डेवलपर दोनों को बाजार से लाभ उठाने और समग्र आर्थिक वृद्धि को मजबूत करने में मदद मिलेगी।’’

अनंत राज लिमिटेड के निदेशक एवं सीईओ अमन सरीन ने कहा, ‘‘ मुद्रास्फीति की मौजूदा चिंताओं और वैश्विक भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं को देखते हुए, आरबीआई का रेपो दर को अपरिवर्तित रखने का निर्णय अपेक्षित था। हालांकि, प्रत्येक एमपीसी बैठक के साथ दर में कटौती की संभावना बढ़ जाती है और यदि मौजूदा सुधार जारी रहता है, तो हम आने वाली समीक्षाओं में भी कटौती देख सकते हैं।’’

एंड्रोमेडा सेल्स एंड डिस्ट्रीब्यूशन प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यपालक अधिकारी राउल कपूर ने कहा, ‘‘ रेपो दर को अपरिवर्तित रखने का आरबीआई का निर्णय आश्चर्यजनक नहीं था। हालांकि, कई लोगों को दर में कटौती की उम्मीद थी जिससे त्योहारों के समय खुदरा ऋण की मांग बढ़ सकती थी।

रहेजा डेवलपर्स के नयन रहेजा ने कहा कि आरबीआई ने एक बार फिर रेपो रेट को स्थिर रखते हुए मुद्रास्फीति को काबू में रखने के साथ वृद्धि की गति को बनाए रखने की मंशा जतायी है। इसके साथ ही अपने रुख को तटस्थ बताकर साफ कर दिया है कि आने वाले समय में रेपो रेट में कमी आएगी।

उन्होंने कहा, ‘‘आगामी त्योहारों को देखते हुए, इस कदम से कर्ज का बोझ नहीं बढ़ेगा, जिससे रियल एस्टेट परियोजनाओं में लोगों की रुचि बढ़ेगी…।’’

भाषा निहारिका रमण

रमण

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

Flowers