रतन टाटा मेरे हीरो, उनकी प्रेरणा से ओला इलेक्ट्रिक की स्थापना : भाविश अग्रवाल |

रतन टाटा मेरे हीरो, उनकी प्रेरणा से ओला इलेक्ट्रिक की स्थापना : भाविश अग्रवाल

रतन टाटा मेरे हीरो, उनकी प्रेरणा से ओला इलेक्ट्रिक की स्थापना : भाविश अग्रवाल

:   Modified Date:  October 10, 2024 / 05:22 PM IST, Published Date : October 10, 2024/5:22 pm IST

नयी दिल्ली, 10 अक्टूबर (भाषा) ओला के संस्थापक भाविश अग्रवाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि रतन टाटा ने उनमें इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) को लेकर जुनून जगाया और इसी वजह से ओला इलेक्ट्रिक की स्थापना हुई।

अग्रवाल ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर ‘रतन टाटा, मेरे हीरो’ शीर्षक से लिखा है कि कैसे टाटा ने ओला इलेक्ट्रिक की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने कहा, ‘‘एक कहानी मैं आज साझा करना चाहता हूं। मेरी दूसरी कंपनी ओला इलेक्ट्रिक की स्थापना में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। 2017 में एक दिन मुझे उनका फोन आया और उन्होंने मुझसे मुंबई आने के लिए कहा।’’

अग्रवाल ने लिखा, ‘‘उन्होंने सिर्फ इतना कहा ‘‘मैं भावी आपको कहीं ले जाने और कुछ रोमांचक चीजें दिखाना चाहता हूं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ …इलेक्ट्रिक वाहन बनाने की उनकी निजी परियोजना को देखने के लिए हम उनके विमान से कोयंबटूर गये। वह इलेक्ट्रिक वाहनों को लेकर बहुत उत्साहित थे। वह मुझे एक परीक्षण ट्रैक पर भी ले गये। उन्होंने इंजीनियरिंग स्तर पर कुछ सुधारों के बारे में भी सुझाव दिये।’’

अग्रवाल ने कहा, ‘‘यही वह दिन था जब ओला इलेक्ट्रिक वास्तव में शुरू हुई थी। क्योंकि उसने मेरे अंदर इलेक्ट्रिक वाहनों और कारों के लिए जुनून जगाया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘उसके बाद, हमने जिस भी उत्पाद की परिकल्पना की और डिजाइन किया, मैं उनके पास जाकर उन्हें दिखाता था। वह मेरी बातों को ध्यान और पूरे धीरज के साथ सुनते और अपनी राय देते थे।’’

अग्रवाल ने कहा, ‘‘टाटा का निधन उनके लिए व्यक्तिगत क्षति है। अन्य लोगों की तरह वह मेरे लिए भी हीरो थे… टाटा के साथ मेरा रिश्ता 2008 में शुरू हुआ। मैं आईआईटी बॉम्बे से स्नातक कर रहा था और वह हमारे दीक्षांत समारोह में अतिथि वक्ता के रूप में आये थे। मैं उस समय युवा था लेकिन देश की सेवा को लेकर उनकी कही बातें मेरे मन में बस गयी।’’

उन्होंने कहा, ‘‘2015 में, मुझे टाटा से मिलने का मौका मिला और उन्होंने ओला में निवेश करने का फैसला किया। लेकिन उनके साथ मेरी बातचीत यहीं खत्म नहीं हुई। वह तो बस शुरू ही हुए थे। टाटा का व्यक्तित्व अलग था, मैं जिनसे भी मिला, वह सब उद्योगपतियों से बल्कुल अलग थे।’’

टाटा समूह के पूर्व चेयरमैन टाटा का बुधवार रात निधन हो गया। वह 86 साल के थे।

भाषा रमण अजय

अजय

 

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