लिथियम-आयन बैटरियों को दोबारा उपयोग में लाने के लिए प्योर ईवी, बीई एनर्जी में साझेदारी

लिथियम-आयन बैटरियों को दोबारा उपयोग में लाने के लिए प्योर ईवी, बीई एनर्जी में साझेदारी

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  • Publish Date - January 29, 2025 / 09:48 PM IST,
    Updated On - January 29, 2025 / 09:48 PM IST

मुंबई, 29 जनवरी (भाषा) इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन बनाने वाली कंपनी प्योर ईवी ने उन्नत लिथियम-आयन बैटरी को दोबारा उपयोग में लाने की (रिकंडीशनिंग) प्रौद्योगिकी भारत में लाने के लिए बुधवार को फ्रांस की बीई एनर्जी के साथ रणनीतिक साझेदारी की घोषणा की।

प्योर ईवी ने कहा कि अपनी तरह के इस पहले सहयोग से ईवी मालिकों के लिए दीर्घकालिक लागत बचत होगी, क्योंकि ‘रिकंडीशनिंग’ प्रक्रिया से नई बैटरियों की आवश्यकता कम हो जाएगी, जिससे कुल लागत कम हो जाएगी।

कंपनी ने कहा कि यह साझेदारी भारतीय बाजार में उन्नत लिथियम-आयन (ली-आयन) बैटरी ‘रिकंडीशनिंग’ प्रौद्योगिकी लाएगी, जिससे इलेक्ट्रिक परिवहन की स्थिरता और कार्बन उत्सर्जन को शुद्ध शून्य करने के प्रयासों को बढ़ावा मिलेगा।

बयान में कहा गया कि इस गठबंधन से बीई एनर्जी भारत में कदम रखेगी।

कंपनी ने कहा कि इस गठजोड़ के तहत पहला संयंत्र अगले वित्त वर्ष में हैदराबाद के करमनघाट आईडीए में चालू किया जाएगा। यह सुविधा भारत की ‘मेक इन इंडिया’ (भारत में बनाओ) पहल के अनुरूप है।

कंपनी ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की बैटरियों की पुनः उपयोग क्षमता को बढ़ाना और कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के प्रयासों को मजबूती देना है।

प्योर ईवी के संस्थापक और प्रबंध निदेशक डॉ. निशांत डोंगरी ने कहा, “बीई एनर्जी के साथ हमारी साझेदारी प्योर ईवी के लक्ष्य के साथ मेल खाती है। हमारा लक्ष्य ऐसे इलेक्ट्रिक वाहनों का विनिर्माण करने का है, जो टिकाऊपन में सबसे आगे हों और लोगों को उनके पैसे का पूरा मूल्य अदा करे।”

भाषा अनुराग रमण

रमण