Minimum Balance Penalty: नई दिल्ली। बैंक खातों में मिनिमम बैंक बैलेंस न होने के कारण आम ग्राहकों के खातों से 8500 करोड़ पेनल्टी वसूली गई है। ये वसूली पिछले पांच सालों में आम ग्राहकों से हुई है। वहीं मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र सरकार ने लोकसभा में यह जानकारी लिखित में दी है। पेनाल्टी के नाम पर पंजाब नेशनल बैंक द्वारा सबसे ज्यादा वसूली की गई है।
वित्त वर्ष 20 और वित्त वर्ष 24 के बीच खातों में न्यूनतम शेष राशि न मेंटेन न रखने के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने लगभग 8,500 करोड़ रुपए का जुर्माना एकत्र किया है। ऐसा तब हुआ है जब इस संबंध में भारतीय स्टेट बैंक द्वारा खातों में न्यूनतम शेष राशि बनाए रखने के लिए जुर्माना नहीं लगाने की बात कही जा चुकी है।
दरअसल महंगाई, गरीबी के इस दौर में बैंक भी अब आपकी जेब काटने को हर वक्त तैयार रहते हैं या कहें तो जब देश में 81 करोड़ लोग इतने गरीब हैं कि उन्हें मुफ्त राशन पर निर्भर होना पड़ रहा है। ऐसे में गरीब लोगों को बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस मेंटन करना भी आसान नहीं है। एक तरह सरकार लोगों को बैंक में अधिक से अधिक खाता खोलने के लिए प्रेरित करती रही, वहीं दूसरी तरफ गरीब लोगों के खाते से लूट का सिलसिला भी कैसे चलता रहा।
बता दें कि कारण ये है कि अगर आप अपने बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं मेंटेन करते हैं, तो आपको जुर्माना भरना होता है। ऐसी स्थिति में दो-चार सौ रुपए की बचत कर बैंक में जब कोई डालता है और बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं तो तो वह राशि उड़ जाती है। यानि बैंक खाते में मिनिमम बैलेंस नहीं रखने पर आपसे चार्ज वसूल लिया जाता है।
Minimum Balance Penalty: गौरतलब है कि देश के शीर्ष ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक द्वारा वित्त वर्ष 20 के बाद खातों में न्यूनतम शेष राशि बनाए रखने के लिए जुर्माना नहीं लगाने का फैसला किया है, लेकिन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (PSB) द्वारा इसके लिए एकत्र की गई राशि में पिछले पांच वर्षों में 34 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है।