नयी दिल्ली, 24 अक्टूबर (भाषा) देश के प्रमुख आठ रिहायशी बाजारों में हैदराबाद को छोड़कर संपत्ति की कीमतों में सितंबर तिमाही में सालाना आधार पर दहाई अंक में वृद्धि हुई है। इनमें सबसे ज्यादा कीमतें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र-दिल्ली में बढ़ी हैं। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है।
रियल एस्टेट प्रौद्योगिकी मंच आरईए इंडिया की अनुषंगी प्रापटाइगर डॉट कॉम की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘2024 की तीसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में ज्यादातर शहरों के आवासीय बाजार में संपत्ति कीमत दहाई अंक में बढ़ी है।’’
‘रियल इनसाइट रेजिडेंशियल: जुलाई-सितंबर 2024’ शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कीमतों में यह वृद्धि, खासकर लक्जरी मकानों की बढ़ती मांग के कारण हुई है।
इसमें कहा गया है, “रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की पिछली बैठक में लगातार 10वीं बार रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया गया और इसे 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा गया। इससे कीमतों पर और दबाव बढ़ रहा है। इससे कंपनियों के साथ-साथ खरीदार भी कर्ज पर तुलनात्मक रूप से ज्यादा ब्याज का भुगतान कर रहे हैं, इससे अंततः घरों के दाम पर असर पड़ रहा है।”
रिपोर्ट के अनुसार, कीमतों में सालाना आधार पर सबसे अधिक 57 प्रतिशत की वृद्धि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली के आवासीय बाजार में देखी गई।
इसमें कहा गया है, ‘‘बढ़ती निर्माण लागत के कारण आवासीय इकाइयों के मूल बिक्री कीमत में समायोजन आवश्यक हो गया है।
इसके साथ लक्जरी मकानों के लिए अच्छी मांग और निवेशकों के बीच बढ़ते विश्वास के कारण आवास के दाम बढ़ रहे हैं।’’
इसके अलावा, अहमदाबाद, मुंबई और बेंगलुरु में भी आवासीय इकाइयों की कीमतों में 15-21 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि हुई। चेन्नई और कोलकाता में सालाना आधार पर 22 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि देखी गई।
रिपोर्ट के अनुसार, अक्सर मुंबई की तुलना में किफायती विकल्प माने जाने वाले पुणे में भी 18 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) क्षेत्र के लिए प्रसिद्ध हैदराबाद में सबसे कम सात प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।
भाषा
अनुराग रमण
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