कीमतों में स्थिरता सतत वृद्धि के लिए आधारशिला : शक्तिकान्त दास

कीमतों में स्थिरता सतत वृद्धि के लिए आधारशिला : शक्तिकान्त दास

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  • Publish Date - November 21, 2024 / 06:58 PM IST,
    Updated On - November 21, 2024 / 06:58 PM IST

मुंबई, 21 नवंबर (भाषा) भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने बृहस्पतिवार को कहा कि कीमतों में स्थिरता सतत वृद्धि के लिए आधारशिला का काम करती है और केंद्रीय बैंक का प्रयास खुदरा मुद्रास्फीति को टिकाऊ रूप से चार प्रतिशत पर लाने का है।

‘मुद्रास्फीति और वृद्धि को संतुलित करना: मौद्रिक नीति का प्रमुख सिद्धांत’ विषय पर अपने संबोधन में दास ने कहा कि मजबूत वृद्धि ने केंद्रीय बैंक को मुद्रास्फीति पर ध्यान केंद्रित करने की गुंजाइश दी है, ताकि इसको टिकाऊ रूप से चार प्रतिशत के लक्ष्य के दायरे में लाया जा सके।

उन्होंने कहा, ‘‘स्थिर मुद्रास्फीति या मूल्य स्थिरता लोगों और अर्थव्यवस्था के सर्वोत्तम हित में है। यह सतत वृद्धि के लिए आधारशिला का काम करती है, लोगों की क्रय शक्ति को बढ़ाती है और निवेश के लिए एक स्थिर वातावरण प्रदान करती है।’’

वह यहां वैश्विक दक्षिण के केंद्रीय बैंकों के एक उच्चस्तरीय नीति सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

गवर्नर ने कहा कि जब रिजर्व बैंक ने अप्रैल, 2023 में नीतिगत दर में ढाई प्रतिशत की वृद्धि करने के बाद विराम लिया, तो बाजार की अपेक्षाओं को केंद्रीय बैंक से आगे निकलने या आगे बढ़ने से रोकना महत्वपूर्ण था।

इसलिए, इस बात पर जोर दिया गया कि यह विराम है। उन्होंने कहा कि इसका मकसद यह सुनिश्चित करना था कि दरों के मोर्चे में पूर्व में जो कार्रवाई की गई है उसका लाभ व्यापक अर्थव्यवस्था तक पहुंचे।

गवर्नर ने कहा, ‘‘हमने यह भी स्पष्ट रूप से कहा है कि मुद्रास्फीति का संतोषजनक स्तर तक रहना पर्याप्त नहीं है। हमारा लक्ष्य इसे टिकाऊ आधार पर चार प्रतिशत के दायरे में लाने का है।’’

उन्होंने आगे कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था पिछले कुछ वर्षों के बेहद उतार-चढ़ाव भरे माहौल में टिकी रही है, लेकिन अनिश्चितताओं के बादल अब भी छंटे नहीं हैं।

उन्होंने कहा कि बढ़ी हुई अनिश्चितता के इस माहौल में नीति-निर्माण गति अवरोधों से भरे धुंधले रास्ते पर कार चलाने जैसा है। ये ऐसी परिस्थितियां हैं जो चालक के धैर्य और कौशल का परीक्षण करेंगी।

उन्होंने जोर देकर कहा कि वैश्विक दक्षिण के देशों के लिए, समग्र स्थिरता बनाए रखना जिसमें निरंतर विकास, मूल्य स्थिरता और वित्तीय स्थिरता शामिल है, एक कठिन चुनौती बनी हुई है।

गवर्नर ने कहा कि केंद्रीय बैंकों को अधिक मजबूत, यथार्थवादी और चुस्त नीति ढांचे की दिशा में काम करने की आवश्यकता है जो वांछित परिणाम प्राप्त करने के लिए मौद्रिक, विवेकपूर्ण, राजकोषीय और संरचनात्मक नीतियों का तालमेलपूर्वक उपयोग करते हैं।

भाषा राजेश राजेश अजय

अजय