ट्रांसफार्मर इस्पात की कमी से बिजली क्षेत्र के प्रभावित होने की आशंका: जीटीआरआई

ट्रांसफार्मर इस्पात की कमी से बिजली क्षेत्र के प्रभावित होने की आशंका: जीटीआरआई

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  • Publish Date - October 28, 2024 / 05:42 PM IST,
    Updated On - October 28, 2024 / 05:42 PM IST

नयी दिल्ली, 28 अक्टूबर (भाषा) भारत में बिजली क्षेत्र के विस्तार की महत्वाकांक्षी योजनाएं ट्रांसफार्मर और इलेक्ट्रिक मोटर बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले इस्पात की कमी से प्रभावित हो सकती है। शोध संस्थान जीटीआरआई ने सोमवार को यह बात कही।

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने कहा कि भारत का बिजली क्षेत्र कोल्ड-रोल्ड ग्रेन-ओरिएंटेड (सीआरजीओ) इस्पात की 30 प्रतिशत कमी का सामना कर रहा है, जो इलेक्ट्रिक मोटर और ट्रांसफार्मर के लिए आवश्यक है।

जीटीआरआई ने कहा कि घरेलू उत्पादन से मांग का केवल 10-12 प्रतिशत ही पूरा होता है, इसलिए भारत आयात पर बहुत अधिक निर्भर है।

शोध संस्थान के मुताबिक, सीआरजीओ इस्पात की कमी का तात्कालिक कारण जापान, दक्षिण कोरिया और चीन के कई विदेशी आपूर्तिकर्ताओं के लिए भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के लाइसेंस नवीनीकरण में देरी है।

जीटीआरआई के मुताबिक, कई लाइसेंस जल्द समाप्त होने वाले हैं, जिससे बिजली क्षेत्र में कमी और अनिश्चितता पैदा हो रही है।

विदेशी आपूर्तिकर्ताओं को गुणवत्ता नियंत्रण आदेश के तहत बीआईएस प्रमाणन की जरूरत होती है, जिससे गुणवत्ता सुनिश्चित होती है।

जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘लंबी अवधि के लिए भारत को स्थानीय उत्पादन को प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि सीआरजीओ को अब एक रणनीतिक सामग्री माना जा रहा है और इसकी आपूर्ति सीमित रह सकती है। अगर आपूर्ति नहीं बढ़ी तो भारत का महत्वाकांक्षी ऊर्जा लक्ष्य प्रभावित हो सकता है।”

भाषा पाण्डेय अजय

अजय