नयी दिल्ली, दो दिसंबर (भाषा) देश में बिजली खपत नवंबर महीने में सालाना आधार पर 5.14 प्रतिशत बढ़कर 125.44 अरब यूनिट रही।
बीते वर्ष के इसी महीने में बिजली की खपत 119.30 गीगावाट थी।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बिजली की अधिकतम मांग को पूरा करने के लिए एक दिन में सर्वाधिक आपूर्ति भी नवंबर, 2024 में मामूली रूप से बढ़कर 207.42 गीगावाट हो गई, जो एक साल पहले इसी माह में 204.56 गीगावाट थी।
इस साल मई में बिजली की अधिकतम मांग लगभग 250 गीगावाट के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। इससे पहले सर्वाधिक 243.27 गीगावाट बिजली मांग सितंबर, 2023 में दर्ज की गई थी।
इसी साल बिजली मंत्रालय ने मई के लिए दिन के दौरान 235 गीगावाट और शाम के समय 225 गीगावाट की अधिकतम बिजली मांग का अनुमान लगाया था। जबकि जून के लिए दिन के समय 240 गीगावाट और शाम के समय 235 गीगावाट बिजली की मांग का अनुमान लगाया गया था।
मंत्रालय ने अनुमान लगाया था कि इस गर्मी में बिजली की अधिकतम मांग 260 गीगावाट तक पहुंच सकती है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, विशेषज्ञों ने नवंबर, 2024 को पिछले चार से पांच वर्षों में सबसे गर्म महीना बताया है। उन्होंने कहा कि सर्दियों की धीमी शुरुआत के कारण बिजली की मांग के साथ-साथ खपत में भी धीमी वृद्धि देखी गई।
विशेषज्ञों ने कहा कि नवंबर में बिजली की अधिकतम मांग में मामूली वृद्धि भी सामान्य से अधिक गर्मी के प्रभाव को दर्शाती है। उत्तर भारत में पारे में गिरावट के कारण सर्दियों में हीटर और गीजर के उपयोग के कारण बिजली की खपत बढ़ जाती है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में अच्छी वाणिज्यिक और औद्योगिक गतिविधियों के साथ-साथ तापमान में गिरावट के कारण बिजली की मांग और खपत स्थिर रहेगी।
भाषा अनुराग रमण
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