नयी दिल्ली, 14 अक्टूबर (भाषा) बिजली सचिव पंकज अग्रवाल ने सोमवार को कहा कि देश के बिजली पारेषण बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए ट्रांसमिशन उपकरण विनिर्माण को लेकर पीएलआई (उत्पादन आधारित प्रोत्साहन) योजना सहित विभिन्न विकल्पों को टटोला जा सकता है।
अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने उद्योग से पारेषण उपकरणों की आपूर्ति व्यवस्था को स्थानीय बनाने के तरीकों के बारे में विचार करने का अनुरोध किया है।
उन्होंने ‘2047 तक भारतीय विद्युत क्षेत्र परिदृश्य पर विचार-मंथन सम्मेलन’ में एक सवाल के जवाब में यह बात कही। इस सम्मेलन का आयोजन केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने उद्योग मंडल फिक्की के सहयोग से किया है।
अग्रवाल ने कहा, ‘‘मैंने प्रतिभागियों से यह भी विचार करने का अनुरोध किया कि हम बिजली पारेषण उपकरणों के लिए आपूर्ति व्यवस्था को कैसे स्थानीय रूप दे सकते हैं क्योंकि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला दबाव में है…। और क्या हमें कुछ उपकरणों के लिए पीएलआई जैसी योजना की आवश्यकता है…मैंने उनसे अनुरोध किया कि वे इसकी संभावना का पता लगाएं कि क्या इससे मदद मिल सकती है या फिर कोई और उपाय की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि भारत में कुछ पारेषण उपकरणों के लिए पर्याप्त क्षमता है। हालांकि, एचवीडीसी ( हाई-वोल्टेज डायरेक्ट करंट) और एचवीएसी (हाई-वोल्टेज अल्टरनेटिंग करंट) जैसे कुछ उपकरणों के लिए क्षमता बढ़ाने की जरूरत है।
भाषा रमण अजय
अजय