कृषि अवसंरचना कोष के तहत दावों के निपटान में तेजी लाने के लिए पोर्टल शुरू

कृषि अवसंरचना कोष के तहत दावों के निपटान में तेजी लाने के लिए पोर्टल शुरू

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  • Publish Date - June 28, 2024 / 08:48 PM IST,
    Updated On - June 28, 2024 / 08:48 PM IST

नयी दिल्ली, 28 जून (भाषा) केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कृषि अवसंरचना कोष (एआईएफ) के तहत जमा किए गए बैंकों के ब्याज छूट दावों के निपटान में तेजी लाने के लिए एक ‘वेब पोर्टल’ शुरु किया। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत अब तक 43,000 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।

एक सरकारी बयान के अनुसार कृषि विभाग और नाबार्ड ने संयुक्त रूप से एआईएफ के तहत दावों के निपटान को स्वचालित और तेज करने के लिए इस वेब पोर्टल को विकसित किया है।

इस मौके पर कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी भी मौजूद थे।

चौहान ने इस अवसर पर कहा कि मोदी सरकार विभिन्न उपाय करके किसानों की आय बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि फसलों की भंडारण क्षमता बढ़ाने और किसानों के नुकसान को कम करने के लिए एक लाख करोड़ रुपये के वित्तपोषण के साथ एआईएफ शुरू किया गया था।

चौहान ने कहा कि 28 जून तक एआईएफ के तहत 67,871 परियोजनाओं के लिए 43,000 करोड़ रुपये मंजूर किए जा चुके हैं और 72,000 करोड़ रुपये के निवेश जुटाए जा चुके हैं।

मंत्री ने कहा कि क्रेडिट दावों के लिए स्वचालन व्यवस्था से एक दिन के भीतर दावों का समय पर निपटान सुनिश्चित होगा। वर्तमान में निपटान के लिए महीनों लग जाते हैं।

उन्होंने कहा कि इस कदम से पारदर्शिता भी सुनिश्चित होगी और भ्रष्ट तरीकों पर रोक लगेगी।

चौहान ने कहा कि स्वचालित प्रणाली पोर्टल के माध्यम से सटीक रूप से पात्र ब्याज छूट की गणना करने में मदद करेगी और दावों के तेजी से निपटान में भी मदद मिलेगी।

पोर्टल का उपयोग बैंकों, कृषि विभाग की केंद्रीय परियोजना प्रबंधन इकाई (सीपीएमयू) और नाबार्ड द्वारा किया जाएगा।

एआईएफ योजना वर्ष 2020 में शुरू की गई थी। इसका उद्देश्य नुकसान को कम करने के लिए फसल-उपरांत प्रबंधन अवसंरचना का विकास करना, किसानों को बेहतर मूल्य दिलाना, कृषि में नवाचार करना और कृषि अवसंरचना के निर्माण के लिए निवेश आकर्षित करना है। इसके लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों के माध्यम से वर्ष 2025-26 तक एक लाख करोड़ रुपये का कुल वित्त पोषण उपलब्ध कराया जाएगा।

चौहान ने कृषि कथा नामक एक ‘ब्लॉगसाइट’ भी शुरु किया। इस डिजिटल मंच का उद्देश्य भारतीय किसानों की बातों को सामने लाना है।

भाषा राजेश राजेश रमण

रमण