पीएम ई-ड्राइव योजना: इलेक्ट्रिक दोपहिया खरीदार को पहले साल मिलेगी 10,000 रुपये तक की सब्सिडी

पीएम ई-ड्राइव योजना: इलेक्ट्रिक दोपहिया खरीदार को पहले साल मिलेगी 10,000 रुपये तक की सब्सिडी

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  • Publish Date - September 12, 2024 / 07:38 PM IST,
    Updated On - September 12, 2024 / 07:38 PM IST

नयी दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एच डी कुमारस्वामी ने बृहस्पतिवार को कहा कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन खरीदने वाले पीएम ई-ड्राइव योजना के पहले वर्ष में अधिकतम 10,000 रुपये तक की सब्सिडी ले सकते हैं। योजना की शुरूआत जल्द होगी।

कुमारस्वामी ने संवाददाताओं से कहा कि इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत बैटरी ‘पावर’ के आधार पर 5,000 रुपये प्रति किलोवाट घंटा की सब्सिडी तय की गई है। हालांकि, पहले वर्ष में कुल प्रोत्साहन 10,000 रुपये से अधिक नहीं होगा।

दूसरे वर्ष में यह सब्सिडी आधी 2,500 रुपये प्रति किलोवाट घंटा हो जाएगी और कुल लाभ 5,000 रुपये से अधिक नहीं होगा।

कुमारस्वामी ने कहा कि ई-रिक्शा खरीदार पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत पहले साल में 25,000 रुपये और दूसरे साल में 12,500 रुपये की सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।

मंत्री ने कहा, ‘‘इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए प्रति किलोवाट सब्सिडी पहले साल 5,000 रुपये और दूसरे साल 2,500 रुपये है। यह लाभ दो साल तक जारी रहेगा।’’

उन्होंने साफ किया कि प्रति दोपहिया वाहन पर अधिकतम लाभ पहले वर्ष में 10,000 रुपये प्रति वाहन होगा और दूसरे वर्ष में घटाकर इसे 5,000 रुपये कर दिया जाएगा।

वर्तमान में, ओला, टीवीएस, एथर एनर्जी, हीरो विडा (हीरो मोटोकॉर्प) और चेतक बजाज जैसे विनिर्माताओं के लोकप्रिय इलेक्ट्रिक स्कूटर की बैटरी क्षमता 2.88 केडब्ल्यूएच (किलोवाट घंटा) से 4 केडब्ल्यूएच तक है। इनकी कीमत 90,000 रुपये से 1.5 लाख रुपये है।

कुमारस्वामी ने कहा कि ई-रिक्शा सहित तिपहिया वाहनों के लिए पहले वर्ष में, उन्हें 25,000 रुपये का लाभ मिलेगा और दूसरे वर्ष में, यह घटकर 12,500 रुपये प्रति वाहन हो जाएगा।

मंत्री ने कहा कि एल5 श्रेणी (माल ढुलाई में उपयोग होने वाले तिपहिया वाहन) के लिए उन्हें पहले वर्ष में 50,000 रुपये का लाभ मिलेगा और दूसरे वर्ष में यह 25,000 रुपये है।

योजना के तहत, पीएम ई-ड्राइव पोर्टल के जरिये एक आधार प्रमाणित ई-वाउचर जारी किया जाएगा। इसपर खरीदार और डीलर विधिवत हस्ताक्षर करेंगे और उसे पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। खरीदार को योजना के तहत प्रोत्साहन का लाभ लेने के लिए पोर्टल पर ‘सेल्फी’ अपलोड करनी होगी।

योजना में सरकारी सब्सिडी के दुरुपयोग से बचने के बारे में भारी उद्योग मंत्रालय के सचिव कामरान रिजवी ने कहा, ‘‘हमने फेम-दो से कई चीजें सीखीं। इसीलिए, हर छह महीने में उत्पादन की पुष्टि के लिए परीक्षण होगा। इससे यह पता चलेगा कि चीजें दुरुस्त हैं या नहीं।’’

यह पूछे जाने पर कि जिन ईवी विनिर्माताओं ने कथित तौर पर फेम-दो मानदंडों का उल्लंघन किया था, क्या उन्हें पीएम ई-ड्राइव से वंचित किया जाएगा, कुमारस्वामी ने कहा, ‘‘हम उन्हें कैसे प्रोत्साहित कर सकते हैं? हम इस बारे में निर्णय लेंगे।’’

इस योजना के तहत ई-एम्बुलेंस के उपयोग के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

मंत्री ने कहा कि ई-एम्बुलेंस के प्रदर्शन और सुरक्षा मानकों को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय तथा अन्य संबंधित पक्षों के परामर्श से तैयार किया जाएगा।

भाषा रमण अजय

अजय