नयी दिल्ली, 20 नवंबर (भाषा) चीन के तकनीशियनों के वीजा में तेजी लाने की सरकार की पहल उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) क्षेत्र की भारतीय विनिर्माण कंपनियों को राहत प्रदान कर रही है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बुधवार को यह बात कही।
इससे पहले कई कंपनियां चीन के ऐसे तकनीशियनों के लिए वीजा मिलने में देरी का मुद्दा उठाती थीं, जिनकी जरूरत भारत में श्रमिकों को प्रशिक्षण देने के अलावा कुछ मशीनें स्थापित करने या मरम्मत जैसे कार्यों के लिए होती है।
अधिकारी ने कहा, “अब काम लटकाना कम हो गया है। काफी सुधार हुआ है। इससे उन कंपनियों को राहत मिली है। गृह मंत्रालय ने सक्रियता से कार्रवाई की है। पिछले दो महीनों में हालात काफी सुधरे हैं।”
प्रक्रिया को कारगर बनाने के लिए इन कारोबारी वीजा की सुविधा के लिए एक पोर्टल शुरू किया गया था।
पीएलआई योजना की घोषणा 2021 में 14 क्षेत्रों के लिए की गई थी। इसमें दूरसंचार, एयर कंडीशनर और एलईडी, कपड़ा, चिकित्सा उपकरणों का निर्माण, वाहन, विशेष इस्पात, खाद्य उत्पाद, उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल, उन्नत रसायन सेल बैटरी, ड्रोन और फार्मा शामिल हैं। इस योजना का परिव्यय 1.97 लाख करोड़ रुपये है।
पीएलआई के तहत वितरण के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने कहा कि वर्तमान में यह ‘कम’ है। हालांकि, उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले महीनों में इसमें तेजी आएगी।
अधिकारी ने कहा कि कम वितरण के बावजूद संयंत्र और मशीनरी में लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश आया है और पीएलआई कंपनियों ने चार लाख करोड़ रुपये के सामान का निर्यात किया है।
भाषा अनुराग अजय
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