नयी दिल्ली, चार जुलाई (भाषा) प्लास्टिक उद्योग अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाले प्रमुख क्षेत्रों में है और यह रोजगार के अवसर भी प्रदान करता है। रसायन और पेट्रोरसायन सचिव निवेदिता शुक्ला वर्मा ने बृहस्पतिवार को यह बात कही।
उन्होंने राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में उद्योग निकायों अखिल भारतीय प्लास्टिक निर्माता संघ (एआईपीएमए) और रसायन और पेट्रोरसायन निर्माता संघ (सीपीएमए) द्वारा आयोजित प्लास्टिक पुन:चक्रीकरण और स्थिरता (जीसीपीआरएस) पर चार दिन के वैश्विक सम्मेलन का उद्घाटन किया।
कार्यक्रम प्लास्टिक के बढ़ते उपयोग, पर्यावरण पर इसके प्रभाव और इनके समाधान के लिए आवश्यक कदमों पर केंद्रित है।
सचिव ने कहा कि प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार ने 2016 में प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम पेश किए थे।
बयान में कहा गया है, ‘‘भारत का प्लास्टिक पुन:चक्रीकरण उद्योग तेजी से बढ़ रहा है और 2033 तक इसके 6.9 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।’’
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