कोलकाता, 12 मार्च (भाषा) चाय बागान मालिकों के एक संगठन ने मंगलवार को कहा कि वाणिज्य मंत्रालय द्वारा डस्ट-ग्रेड चाय की 100 प्रतिशत नीलामी का विचार स्वागतयोग्य कदम है।
भारतीय चाय संघ (आईटीए) ने बयान में कहा कि यह पारदर्शी तरीके से (कीटनाशकों के) अधिकतम अवशेष स्तर (एमआरएल) का पता लगाने और परीक्षण करने का एकमात्र समाधान प्रतीत होता है।
भारतीय चाय निर्यातक संघ (आईटीईए) ने भी परीक्षण के आधार पर नीलामी मार्ग के माध्यम से 100 प्रतिशत ‘डस्ट-ग्रेड’ किस्मों की बिक्री की अनुमति देने के वाणिज्य मंत्रालय के फैसले की सराहना की है।
चाय उत्पादकों के सबसे पुराने और सबसे बड़े संघ आईटीए ने इस प्रयास में चाय बोर्ड और वाणिज्य मंत्रालय को अपना स्पष्ट समर्थन देने का वादा किया है।
बयान में कहा गया है, ‘‘वाणिज्य और उद्योग मंत्री के साथ बातचीत के दौरान, एसोसिएशन ने उत्तर भारत में 100 प्रतिशत ‘डस्ट ग्रेड’ की नीलामी के लिए तीन महीने के परीक्षण के विचार का समर्थन किया था।’’
एसोसिएशन भारत में सुरक्षित और मानकों के अनुपालन करने वाली चाय की खपत को बढ़ावा देने और चुनौतीपूर्ण वैश्विक बाजार में निर्यात बढ़ाने के लिए सभी पहल का भी समर्थन करता है।
आईटीए ने कहा कि वह सभी अंशधारकों की मदद से चाय को एक सुरक्षित, स्वस्थ और महत्वाकांक्षी पेय के रूप में बढ़ावा देने की पहल का समर्थन करता है।
इसमें यह भी कहा गया है कि प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने और बेहतर कीमत की खोज के लिए इसे पारंपरिक चाय (दार्जिलिंग सहित) तक बढ़ाया जाना चाहिए।
भाषा राजेश राजेश अजय
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