नयी दिल्ली, आठ नवंबर (भाषा) श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत नई केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) के प्रायोगिक परीक्षण के सफल समापन की घोषणा की।
श्रम मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि सीपीपीएस मौजूदा पेंशन संवितरण प्रणाली से एक आदर्श बदलाव है जो विकेंद्रीकृत है, जिसमें ईपीएफओ का प्रत्येक जोनल/क्षेत्रीय कार्यालय केवल 3-4 बैंकों के साथ अलग-अलग समझौते करता है।
सीपीपीएस में, पेंशन शुरू होने के समय पेंशनभोगियों को किसी भी सत्यापन के लिए बैंक जाने की आवश्यकता नहीं होगी और पेंशन जारी होने पर तुरंत जमा हो जाएगी।
मंत्री ने बयान में कहा कि प्रायोगिक परीक्षण 29-30 अक्टूबर को पूरा हुआ और जम्मू, श्रीनगर और करनाल क्षेत्रों के 49,000 से अधिक ईपीएस पेंशनभोगियों को अक्टूबर, 2024 के लिए लगभग 11 करोड़ रुपये का पेंशन वितरण किया गया।
इससे पहले, नई सीपीपीएस प्रणाली की घोषणा के दौरान मांडविया ने कहा था, ‘‘सीपीपीएस, ईपीएमओ के आधुनिकीकरण में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। पेंशनभोगियों को देश में कहीं भी किसी भी बैंक, किसी भी शाखा से अपनी पेंशन प्राप्त करने में सक्षम बनाकर, यह पहल पेंशनभोगियों के सामने आने वाली लंबे समय से चली आ रही चुनौतियों का समाधान करती है और एक निर्बाध और कुशल वितरण तंत्र सुनिश्चित करती है।’’
उन्होंने कहा था कि ईपीएफओ को अपने सदस्यों और पेंशनभोगियों की ज़रूरतों को बेहतर ढंग से पूरा करने के लिए एक अधिक मज़बूत और तकनीक-सक्षम संगठन में बदलने के हमारे प्रयासों में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
सीपीपीएस प्रणाली पेंशन भुगतान आदेशों (पीपीओ) को एक कार्यालय से दूसरे कार्यालय में स्थानांतरित किए बिना पूरे भारत में पेंशन का वितरण सुनिश्चित करेगी, भले ही पेंशनभोगी एक स्थान से दूसरे स्थान पर चले जाएं या अपना बैंक या शाखा बदल लें।
यह उन पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी राहत होगी जो सेवानिवृत्ति के बाद अपने गृहनगर चले जाते हैं।
भाषा राजेश राजेश अजय
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