दिल्ली सरकार के पुराने वाहन संबंधी दिशानिर्देशों के खिलाफ याचिका दाखिल

दिल्ली सरकार के पुराने वाहन संबंधी दिशानिर्देशों के खिलाफ याचिका दाखिल

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  • Publish Date - September 19, 2024 / 07:37 PM IST,
    Updated On - September 19, 2024 / 07:37 PM IST

(फाइल तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) निर्धारित अवधि पूरी कर चुके पुराने वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर रखने से संबंधित दिल्ली सरकार के नए दिशानिर्देशों को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई है।

नागलक्ष्मी लक्ष्मी नारायण की तरफ से दायर इस याचिका में कहा गया है कि कबाड़ घोषित हो चुके वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर रखने के संबंध में जारी दिशानिर्देश को पिछली तारीख से लागू करना मनमाना कदम है।

याचिका के मुताबिक, ‘‘वाहनों से संबंधित दिशानिर्देशों का पिछली तारीख से लागू होना मनमाना है, आवेदक की वैध अपेक्षा का उल्लंघन करता है और संविधान के अनुच्छेद 300ए के तहत हासिल संपत्ति के अधिकार से वंचित करता है।’’

याचिका में कहा गया है कि वाहनों की स्थिति और उनके द्वारा किए जाने वाले वास्तविक उत्सर्जन पर ठीक से गौर किए बगैर वाहनों को कबाड़ घोषित करने के नियम लागू किए जा रहे हैं।

दिल्ली सरकार ने फरवरी में जीवनकाल पूरा कर चुके वाहनों को सार्वजनिक स्थानों पर संभालने के नए दिशानिर्देश जारी किए थे। इसमें जब्त वाहनों को छोड़ने से पहले उनके मालिकों पर चारपहिया वाहनों के लिए 10,000 रुपये और दोपहिया वाहनों के लिए 5,000 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया था।

दिशानिर्देशों के मुताबिक, दिल्ली में सार्वजनिक स्थानों से ऐसे वाहनों को हटाने के लिए निरंतर प्रवर्तन अभियान चलाए जाने चाहिए और वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के समक्ष पेश करने के लिए पर्यावरण विभाग को दैनिक रिपोर्ट भेजी जानी चाहिए।

दिल्ली सरकार ने जब्त वाहनों को छोड़ने की प्रक्रिया दो श्रेणियों में बांट दी है। पहली श्रेणी में वाहन को दिल्ली-एनसीआर से बाहर ले जाने के लिए तैयार लोग हैं जबकि दूसरी श्रेणी में वाहन को निजी स्थानों पर खड़ा करने के इच्छुक लोग हैं।

दिशानिर्देशों के मुताबिक, दूसरी बार जब्त किए गए किसी भी पुराने वाहन और 10 वर्ष से अधिक पुराने डीजल-चालित परिवहन वाहनों को नहीं छोड़ा जा सकता है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय