मुंबई, 26 नवंबर (भाषा) लोग सावधि जमा को तरजीह दे रहे हैं। आकर्षक ब्याज के साथ सावधि जमा की वृद्धि चालू खाते और बचत खाते (कासा) में वृद्धि को पार कर गयी है। इसकी कुल जमा में हिस्सेदारी बढ़कर इस साल सितंबर में 61.4 प्रतिशत हो गयी जो एक साल पहले 59.8 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़े से यह जानकारी मिली है।
आरबीआई ने मंगलवार को तिमाही ‘बुनियादी सांख्यिकीय रिटर्न’ (बीएसआर): अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के पास जमा – सितंबर 2024 जारी किया।
इसमें कहा गया है, ‘‘सख्त मौद्रिक नीति के साथ बड़ी मात्रा में जमा राशि उच्च ब्याज दर वाली सावधि जमा में स्थानांतरित हुई है। सात प्रतिशत से अधिक ब्याज दर वाली सावधि जमा बढ़कर 68.8 प्रतिशत हो गई है, जो एक साल पहले 54.7 प्रतिशत थी।’’
आंकड़ों के अनुसार, बैंक जमा वृद्धि सालाना आधार पर सितंबर, 2024 में 11.7 प्रतिशत रही। यह पिछली तिमाही के लगभग बराबर है।
आबादी की सभी श्रेणियों (ग्रामीण/अर्ध-शहरी/शहरी/महानगरीय) की जमा राशि में दहाई अंक की सालाना वृद्धि दर्ज की गई।
वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के दौरान कुल जमा में वृद्धि का 66.5 प्रतिशत योगदान महानगर स्थित शाखाओं का रहा। इनकी कुल जमा में 54.7 प्रतिशत हिस्सेदारी रही।
आरबीआई के अनुसार, कुल जमा राशि में से 51.4 प्रतिशत व्यक्तिगत तौर पर रखे गये थे। महिला जमाकर्ताओं के पास व्यक्तिगत जमा का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा है।
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में जमा वृद्धि सालाना आधार पर सितंबर, 2024 में नौ प्रतिशत बढ़ी, जो जून, 2024 में 8.1 प्रतिशत थी। हालांकि, यह अन्य बैंक समूहों में 15 प्रतिशत से नीचे है।
वरिष्ठ नागरिकों की जमा राशि का हिस्सा सितंबर, 2024 में बढ़कर 20.1 प्रतिशत हो गया, जो एक साल पहले 19.7 प्रतिशत था।
‘अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के बकाया ऋण’ पर एक अन्य बुनियादी सांख्यिकीय रिटर्न’ के अनुसार, बैंक कर्ज वृद्धि सालाना आधार पर सितंबर, 2024 में घटकर 12.6 प्रतिशत रही जो मार्च, 2024 में 15.3 प्रतिशत थी।
बैंकों की महानगर स्थित शाखाओं का कर्ज में हिस्सा 60.6 प्रतिशत था। इन शाखाओं ने 11.6 प्रतिशत की कम वृद्धि दर्ज की।
कृषि, उद्योग, आवास और व्यक्तिगत (गैर-आवास) ऋण में गैर-आरआरबी अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों के कर्ज में क्रमशः 11.5 प्रतिशत, 23.7 प्रतिशत, 16.5 प्रतिशत और 14.9 प्रतिशत हिस्सेदारी थी। उन्होंने सालाना आधार पर क्रमशः 13.2 प्रतिशत, 10.4 प्रतिशत, 13.2 प्रतिशत और 17.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।
इसमें कहा गया, ‘‘निजी कॉरपोरेट क्षेत्र की कर्ज वृद्धि बढ़कर सितंबर, 2024 में 16.5 प्रतिशत रही। कार्यशील पूंजी ऋण बढ़कर 15.3 प्रतिशत हो गया, जो एक साल पहले 14.1 प्रतिशत था।
व्यक्तिगत ऋण में महिला उधारकर्ताओं की हिस्सेदारी धीरे-धीरे बढ़ रही है और सितंबर, 2024 में यह 23.6 प्रतिशत रही।
भाषा रमण अजय
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