नयी दिल्ली, 23 सितंबर (भाषा) कृषि मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि चालू खरीफ (ग्रीष्म) सत्र 2024-25 में अबतक धान की बुवाई का रकबा 2.22 प्रतिशत बढ़कर 413.50 लाख हेक्टेयर हो गया है।
एक साल पहले की समान अवधि में यह 404.50 लाख हेक्टेयर था।
मुख्य खरीफ फसल धान की बुवाई जून से दक्षिण-पश्चिम मानसून की शुरुआत के साथ शुरू होती है और सितंबर से कटाई होती है।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि इसके अलावा चालू सत्र में 23 सितंबर तक दलहन की बुवाई का रकबा बढ़कर 128.58 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पिछले साल इसी अवधि में 119.28 लाख हेक्टेयर था।
चालू सत्र में अबतक अरहर और मूंग की बुवाई का रकबा बढ़कर क्रमश: 46.50 लाख हेक्टेयर और 35.46 लाख हेक्टेयर हो गया है, जबकि उड़द की बुवाई का रकबा थोड़ा घटकर यानी 30.73 लाख हेक्टेयर रह गया है।
मोटे अनाज और श्री अन्न (बाजरा) की बुवाई का रकबा एक साल पहले की समान अवधि के 186.07 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 192.55 लाख हेक्टेयर हो गया।
मोटे अनाजों में मक्का की बुवाई का रकबा 84.65 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 88.06 लाख हेक्टेयर हो गया।
तिलहन की बुवाई का रकबा इस खरीफ सत्र में अब तक मामूली रूप से बढ़कर 193.84 लाख हेक्टेयर हो गया है, जो एक साल पहले की समान अवधि में 190.92 लाख हेक्टेयर था।
नकदी फसलों में, गन्ने की बुवाई का रकबा मामूली रूप से बढ़कर 57.68 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 57.11 लाख हेक्टेयर था, कपास का रकबा 123.71 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 112.76 लाख हेक्टेयर हो गया, जबकि जूट-मेस्ता का रकबा 6.67 लाख हेक्टेयर से घटकर 5.74 लाख हेक्टेयर रह गया।
सभी खरीफ फसलों के लिए कुल बुवाई का रकबा पिछले साल की समान अवधि के 1,088.26 लाख हेक्टेयर की तुलना में बढ़कर 1,104.63 लाख हेक्टेयर पर रहा।
भाषा राजेश राजेश अजय
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