नईदिल्ली। चीनी उत्पादों के बहिष्कार को लेकर लोगों के आक्रोश का असर चीन की मोबाइल कंपनियों पर भी पड़ा है। अभी तक चीनी कंपनियों के भारत में बने मोबाइल के डिब्बे पर काफी छोटे आकार में ‘मेड इन इंडिया’ लिखा होता था। अब बदले हालात में चीनी मोबाइल कंपनियों पर ‘मेड इन इंडिया’ लिखा शब्द एक सेंटीमीटर बड़ा हो गया है। इतना ही नहीं इसे लाल और नीले रंग के घेरे में लिखा जा रहा है, जिससे यह लोगों को साफ दिखे।
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बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के बाजार में चीन की जबरदस्त पकड़ है। जानकारों के मुताबिक बाजार में चीन के मोबाइल हैंडसेट की 70 फीसदी से अधिक की हिस्सेदारी है, तो वहीं पार्ट्स के मामले में 80 से 90 फीसदी बाजार पर पकड़ है। चीन की आधा दर्जन कंपनियों ने देश में ही उत्पादन इकाई स्थापित कर ली है। इसके बाद भी अभी तक बड़ी खेप चीन से आती थी। बदले हालात में चीन की उत्पादन इकाइयों से मोबाइल हैंडसेट काफी कम आ रहे हैं। देश में ही स्थापित उत्पादन इकाइयों में बने हैंडसेट बाजार में आने लगे हैं।
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लॉकडाउन से पहले ही वीवो, रेडमी, ओपो जैसी कंपनियों के मोबाइल हैंडसेट भारत में ही बन रहे थे, लेकिन इनके डिब्बों पर मेड इन इंडिया काफी छोटे आकार में लिखा होता था। लेकिन अब ‘मेड इन इंडिया’ लाल और नीले फ्रेम में एक सेंटीमीटर बड़े आकार में बोल्ड कर लिखा जा रहा है। एक चीनी कंपनी के मोबाइल पर उत्पादनकर्ता देश की जगह ‘कंट्री ऑफ ओरिजिन चाइना’ लिखा हुआ करता था, नई खेप में मोटे अक्षरों में ‘मेड इन इंडिया’ लिखा आ रहा है। मोबाइल के दुकानदार भी ग्राहकों को समझा रहे हैं कि कंपनी भले ही चीन की हो लेकिन हैंडसेट देश में ही बना है। मोबाइल कारोबारी शिवाकांत श्रीवास्तव का कहना है कि ‘अब कंपनी के प्रतिनिधि से लेकर सेल्समैन तक यह जताने में लगे हैं कि मोबाइल चीन का नहीं भारत का ही है।’
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चीन को भारतीय विरोध का अंदेशा है, इसीलिए ब्रांडेड पंखों पर पीआरसी (पीपुल्स ऑफ रिपब्लिक चाइना) लिखा आ रहा है। दीवारों पर लगने वाले फाइबर ब्लेड वाले पंखों का उत्पादन कंपनियां चीन में करती हैं। इन पंखों पर मेड इन चाइना की जगह पीआरसी लिख कर आ रहा है। ताकि ग्राहक भ्रम में रहें।