नयी दिल्ली, 28 जनवरी (भाषा) अंतरराष्ट्रीय सड़क महासंघ (आईआरएफ) ने मंगलवार को वर्ष 2024 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में कमी न आने पर चिंता जताते हुए कहा कि स्कूलों एवं अन्य शिक्षण संस्थानों के आसपास 26,000 से अधिक सड़क हादसे हुए।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के महानिदेशक (सड़क विकास) और विशेष सचिव डी सारंगी ने आईआरएफ द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों के सभी चरणों में सड़क सुरक्षा का ऑडिट होने के बावजूद राष्ट्रीय मृत्यु दर में कमी नहीं आ रही है।
आईआरएफ ने बयान में कहा, ‘‘वर्ष 2024 की इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (ई-डीएआर) के मुताबिक, देश में हुई कुल 5.7 लाख सड़क दुर्घटनाओं में से 4.6 प्रतिशत दुर्घटनाएं कॉलेज एवं स्कूली इलाकों में हुईं।’’
इसका मतलब है कि स्कूल, कॉलेज एवं अन्य शिक्षण संस्थानों के आसपास वर्ष 2024 में करीब 26,220 हादसे हुए।
सड़क दुर्घटनाओं के संदर्भ में ‘डीएआर’ का मतलब ‘विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट’ से है जो सड़क दुर्घटना की परिस्थितियों का विवरण देने वाला एक व्यापक दस्तावेज है। इस रिपोर्ट को आमतौर पर घटनास्थल पर पुलिस तैयार करती है। इसके इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप को ई-डीएआर कहा जाता है।
सारंगी ने कार्यक्रम में कहा कि देश में सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण तेज रफ्तार है। उन्होंने कहा कि वाहनों की तेज रफ्तार चिंता का विषय होने से सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय देश में सड़कों की डिजाइन गति बढ़ा रहा है।
सारंगी ने यह भी कहा कि परिचालन चरण सहित सड़क निर्माण के हर चरण में सड़क सुरक्षा का ऑडिट अनिवार्य किया जा रहा है, लेकिन सड़क दुर्घटनाएं बढ़ती ही जा रही हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘या तो हमारे सुरक्षा ऑडिटर सक्षम नहीं हैं या फिर सलाहकार उतने गंभीर नहीं हैं। यही कारण है कि सड़क हादसों में मृत्यु दर कम नहीं हो पा रही है।’’
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