(गुरदीप सिंह)
सिंगापुर, 27 मार्च (भाषा) वैश्विक बैंकिंग नेटवर्क के जरिये लेनदेन किए गए 96 प्रतिशत से अधिक धन का पता नहीं चल पाता है और अनुमानित 2,000 से 3,000 अरब अमेरिकी डॉलर के अवैध व्यापार में से केवल 2-3 प्रतिशत धन का ही वर्तमान में पता लगाया जाता है और उसे वापस किया जाता है।
इंटरपोल के महासचिव जुर्गन स्टॉक ने यहां पत्रकारों से कहा कि इंटरपोल अपने 196 सदस्य देशों में कानून प्रवर्तन एजेंसियों और निजी वित्त क्षेत्रों के साथ काम करता है। इसका लक्ष्य दुनियाभर में अवैध व्यापारियों, मादक पदार्थों, मानव तस्करी, हथियारों और वित्तीय संपत्तियों की बड़ी मात्रा में धन से जुड़ी बढ़ती धोखाधड़ी को नियंत्रित करना है।
वैश्विक बैंकिंग नेटवर्क के जरिये अवैध व्यापार से व्यापक रूप से अनुमानित 2,000 से 3,000 अरब अमेरिकी डॉलर के वार्षिक लेनदेन को नियंत्रित करने के लिए, ‘‘ हम लेनदेन की जांच करने के वास्ते एक तंत्र स्थापित करने के लिए दुनियाभर के बैंकिंग संघों से बात कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ वर्तमान में केवल दो से तीन प्रतिशत पैसे का ही पता लगाया जाता है और पीड़ितों को लौटाया जाता है। वैश्विक बैंकिंग नेटवर्क के जरिये लेनदेन वाले 96 प्रतिशत से अधिक धन का पता नहीं चल पाता….’’
स्टॉक ने कहा कि कृत्रिम मेधा (एआई) इसे और बदतर बना रही है। यह वॉयस क्लोनिंग की अनुमति देती है। दुनियाभर के अपराधी इसका फायदा उठा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ‘सिंगापुर एंटी-स्कैम सेंटर’ एक ऐसा मॉडल है जिसका अन्य देशों को अनुसरण करना चाहिए।
भाषा निहारिका अजय
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