नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंकने बड़ा फैसला करते हुए कार्ड टोकनाइजेशन सिस्टम की डेडलाइन को 30 जून 2022 तक के लिए बढ़ा दिया है। RBI ने गुरुवार को इसके लिए एक सर्कुलर जारी किया। यानी कार्ड टोकनाइजेशन सिस्टम की सीमा को 6 महीने एक्सटेंड कर दिया गया है।
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ये हैं RBI के नए नियम?
1। नए नियमों के अनुसार, ग्राहकों को हर बार किसी भी वेबसाइट से चेकआउट पर अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड के डिटेल्स दर्ज करने होंगे क्योंकि उनके कार्ड की डिटेल्स अब इन प्लेटफार्मों पर सेव नहीं की जाएगी। हालांकि, ऐसे में हर ट्रांजेक्शन में कार्ड डिटेल्स ऐड करने की परेशानी से बचने का एक तरीका टोकन के माध्यम से हल किया जाएगा।
2। टोकनाइजेशन आपके कार्ड के डिटेल्स के लिए एक यूनिक एल्गोरिथम-जनरेटेड कोड या टोकन है। टोकन ग्राहकों को कार्ड के डिटेल्स को उजागर किए बिना इन प्लेटफार्मों पर आसानी से पेमेंट करने की अनुमति देगा।
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3। इसके तहत 30 जून 2022 से ग्राहक Amazon, Flipkart, Swiggy, Zomato, या दूसरे किसी भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर कार्ड डिटेल्स सेव नहीं कर पाएंगे। ऑनलाइन लेनदेन करने के लिए, ग्राहकों को हर बार ऑर्डर देने पर अपने कार्ड की डिटेल्स दर्ज करना होगी। प्रत्येक ऑर्डर में कार्ड विवरण दर्ज करने की परेशानी से बचने के लिए, ग्राहक अपने कार्ड को टोकन कर सकते हैं।
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4। रिपोर्ट के मुताबिक अगर आप Discover, Diners, RuPay या American Express के कार्ड का इस्तेमाल करते हैं तो आपको 30 जून, 2022 से मैनुअल ऑनलाइन पेमेंट के लिए हर बार अपने कार्ड की जानकारी दर्ज करनी पड़ेगी। अगर आप Visa या Mastercard का उपयोग करते हैं तो आपको नए फॉर्मेट में कार्ड की जानकारी को सेव करने के लिए अधिकृत करना पड़ेगा।
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5। RBI की नई गाइडलाइंस का असर Google Play Store, YouTube और Google Ads जैसी सभी पेमेंट सर्विस पर पड़ेगा। नए फॉर्मेट के तहत आपको आपको 30 जून, 2022 सभी ऑनलाइन मैनुअल पेमेंट के लिए हर बार अपने कार्ड की जानकारी दर्ज करनी पड़ेगी।
RBI ने सर्कुलर जारी करते हुए सभी पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर्स और पेमेंट सिस्टम पार्टिसिपेंट्स से कहा कि ‘विभिन्न प्रतिभागियों द्वारा मिले आवेदनों को ध्यान में रखते हुए, CoF डेटा को स्टोर करने की समय सीमा को 6 महीने यानी 30 जून, 2022 तक बढ़ा दिया गया है। इसके बाद इन डेटा को हटा दिया जाना चाहिए।’