एक राष्ट्र, एक समय: सरकार ने भारतीय मानक समय को अनिवार्य रूप से अपनाने का मसौदा तैयार किया

एक राष्ट्र, एक समय: सरकार ने भारतीय मानक समय को अनिवार्य रूप से अपनाने का मसौदा तैयार किया

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  • Publish Date - January 26, 2025 / 03:40 PM IST,
    Updated On - January 26, 2025 / 03:40 PM IST

नयी दिल्ली, 26 जनवरी (भाषा) समय पालन को मानकीकृत करने के लिए सरकार ने सभी आधिकारिक और वाणिज्यिक मंचों पर भारतीय मानक समय (आईएसटी) के अनिवार्य रूप से उपयोग के लिए व्यापक नियमों का मसौदा तैयार किया है।

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने 14 फरवरी तक जनता से इसपर प्रतिक्रिया मांगी है।

कानूनी माप विज्ञान (भारतीय मानक समय) नियम, 2024 का मकसद समय पालन प्रथाओं को मानकीकृत करने के लिए एक कानूनी ढांचा स्थापित करना है। यह ढांचा कानूनी, प्रशासनिक, वाणिज्यिक और आधिकारिक दस्तावेजों के लिए एकमात्र समय संदर्भ के रूप में आईएसटी को अनिवार्य बनाता है।

नियम के मसौदे के अनुसार, ‘‘वाणिज्य, परिवहन, सार्वजनिक प्रशासन, कानूनी अनुबंध और वित्तीय संचालन सहित सभी क्षेत्रों में आईएसटी अनिवार्य समय संदर्भ होगा।’’

इसके मुख्य प्रावधानों में आधिकारिक और वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिए आईएसटी के अलावा अन्य समय संदर्भों पर प्रतिबंध शामिल है।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘रणनीतिक और गैर-रणनीतिक क्षेत्रों के लिए नैनोसेकंड सटीकता के साथ सटीक समय जरूरी है।’’

खगोल विज्ञान, नेविगेशन और वैज्ञानिक अनुसंधान जैसे विशेष क्षेत्रों के लिए अपवादों की अनुमति दी जाएगी, जिसके लिए पहले सरकारी मंजूरी लेनी होगी।

उपभोक्ता मामलों का विभाग राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के साथ मिलकर एक मजबूत समय निर्माण और प्रसार तंत्र विकसित कर रहा है। हितधारकों से 14 फरवरी तक नियमों के मसौदे पर सुझाव देने के लिए कहा गया है।

भाषा पाण्डेय अजय

अजय