ओला मैप है तिकड़म, रातों-रात बनने वाले उत्पादों से सावधान रहना चाहिए: मैपमाईइंडिया सीईओ

ओला मैप है तिकड़म, रातों-रात बनने वाले उत्पादों से सावधान रहना चाहिए: मैपमाईइंडिया सीईओ

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  • Publish Date - August 11, 2024 / 07:47 PM IST,
    Updated On - August 11, 2024 / 07:47 PM IST

नयी दिल्ली, 11 अगस्त (भाषा) स्वदेशी डिजिटल नेविगेशन कंपनी मैपमाईइंडिया ने ओला की मूल कंपनी एएनआई टेक्नोलॉजीज के भारत का नेविगेशनल मानचित्र विकसित करने के दावे पर सवाल उठाया है और इस घोषणा को ‘तिकड़म’ बताया है।

ओला इलेक्ट्रिक को कानूनी नोटिस भेजने के बाद पीटीआई-भाषा से बातचीत करते हुए मैपमाईइंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) और कार्यकारी निदेशक रोहन वर्मा ने ओला के इस दावे पर सवाल उठाया कि मानचित्र की आपूर्ति एक स्टार्टअप जियोस्पोक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा की गई है। इस कंपनी का अधिग्रहण कर लिया गया और यह एएनआई टेक्नोलॉजीज की अनुषंगी कंपनी बन गई है।

वर्मा ने जियोस्पोक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मानचित्र की आपूर्ति करने के दावे पर उसके वित्तीय रिकॉर्ड के आधार पर सवाल उठाया है क्योंकि भारत जैसे बड़े देश का डिजिटल नेविगेशन मानचित्र विकसित करने के लिए भारी निवेश और विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है।

वर्मा ने ओला मैप्स की वजह से कंपनी के कारोबार पर किसी खतरे से इनकार किया है क्योंकि ‘उसकी गुणवत्ता अच्छी नहीं है।’

उन्होंने कहा, “हमें कोई कारोबारी जोखिम नहीं दिखता, क्योंकि हमें वहां से कोई अच्छा उत्पाद नहीं मिलता। लोग उनके (ओला) अपडेटेड कैब ऐप, उनके अपडेटेड इलेक्ट्रिक वाहन ऐप के बारे में, उनके नक्शे खराब होने और उपयोगकर्ताओं को परेशानी पैदा करने के बारे में, हर जगह शिकायत कर रहे हैं। हर कोई जानता है कि ये कोरी घोषणा और तिकड़म है।”

इस संबंध में पूछने पर ओला के प्रवक्ता ने कहा, “ओला मैपमाइइंडिया द्वारा दिए गए निराधार और प्रेरित बयानों का दृढ़ता से खंडन करता है। यह कंपनी द्वारा अपने प्रतिद्वंद्वियों को बदनाम करके प्रासंगिक बने रहने के हताश प्रयासों का स्पष्ट संकेत है।”

मैपमाईइंडिया ने ओला इलेक्ट्रिक के सार्वजनिक निर्गम से पहले 23 जुलाई को ओला को एक कानूनी नोटिस भेजा था, जिसमें नेविगेशन के लिए एपीआई (एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) और एसडीके (सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट) का उपयोग करने के लिए ओला इलेक्ट्रिक द्वारा कंपनी के साथ 2021 में किए गए लाइसेंस समझौते की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था।

भाषा अनुराग पाण्डेय

पाण्डेय