गैर-खाद्य पदार्थों के दाम में तेजी रहते नीतिगत दर लंबे समय तक रह सकती है ज्यों की त्यों: रिपोर्ट

गैर-खाद्य पदार्थों के दाम में तेजी रहते नीतिगत दर लंबे समय तक रह सकती है ज्यों की त्यों: रिपोर्ट

गैर-खाद्य पदार्थों के दाम में तेजी रहते नीतिगत दर लंबे समय तक रह सकती है ज्यों की त्यों: रिपोर्ट
Modified Date: November 29, 2022 / 08:42 pm IST
Published Date: January 6, 2021 2:57 pm IST

मुंबई, छह जनवरी (भाषा) खाद्य पदार्थों को छोड़कर दूसरे सामानों के दाम में तेजी मुद्रास्फीति को उच्च स्तर पर रखेगी जिससे रिजर्व बैंक की की नीतिगत दर के मामले में लंबी अवधि तक यथास्थिति बनी रह सकती है।

सिंगापुर के बैंक डीबीएस की एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि केंद्रीय बैंक ने महामारी को देखते हुए जो आपात कदम उठाये हैं, उसमें भी कमी कर सकता है।

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उल्लेखनीय है कि खाद्य वस्तुओं के दाम में तेजी के रहते महंगाई दर ऊंची रहने से आरबीआई ने लगातार तीन बार द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में यथास्थिति बनाये रखी। हालांकि, वृद्धि दर लगातार नकारात्मक दायरे में रही। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2020-21 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 7.5 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान जताया है।

बैंक रिपोर्ट के अनुसार छह महीने से अधिक समय में खाद्य महंगाई दर नरम रह सकती है लेकिन गैर-खाद्य वस्तुओं के दाम ऊंचे बने रह सकते हैं। इसका कारण लंबे समय तक बंद रहने के बाद विनिर्माण लागत में वृद्धि, जिंसों के दाम में तेजी, दूरसंचार कीमत समायोजन और कुछ क्षेत्रों में मांग में तेजी है।

इसमें कहा गया है कि जिंसों के दाम में हाल की तेजी से लागत आधारित प्रभाव पड़ा है। खासकर औद्योगिक धातु के मामले में यह देखा गया है। सितंबर 2020 के बाद ‘स्टील हॉट रोल्ड कॉयल’ वायदा का भाव 80 प्रतिशत से अधिक मजबूत हुआ। जबकि तेल, ब्रेंट क्रूड दिसंबर तिमाही में 30 प्रतिशत मजबूत हुआ है।

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘भारत की उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रस्फीति नरम होगी और 2021 में औसत महंगाई दर 4 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर रहेगी। ऐसे में नीतिगत दर में कटौती की गुंजाइश सीमित है। केंद्रीय बैंक नीतिगत दर को यथावत रख सकता है….।’’

भाषा

रमण महाबीर

महाबीर


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