नयी दिल्ली, 21 नवंबर (भाषा) सार्वजनिक क्षेत्र की सोलर एनर्जी कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (सेकी) के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक आर पी गुप्ता ने बृहस्पतिवार को कहा कि अदाणी मामले में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी में सेकी का जिक्र नहीं है।
अमेरिकी अभियोजकों ने उद्योगपति गौतम अदाणी पर भारत में सौर बिजली अनुबंध हासिल करने के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को कथित रूप से 26.5 करोड़ डॉलर (लगभग 2,200 करोड़ रुपये) की रिश्वत देने के मामले में शामिल होने का आरोप लगाया है।
गुप्ता ने अदाणी से जुड़े घटनाक्रम पर पूछे गये सवालों के जवाब में पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘सेकी के खिलाफ ऐसा कुछ भी नहीं है कि उसने कुछ गलत किया है। ऐसा कहीं नहीं है। सेकी की ओर से किसी भी गलत काम या अनियमितता का कोई जिक्र नहीं है।’’
अमेरिकी अभियोजकों के दस्तावेज के अनुसार, देश में नवीकरणीय ऊर्जा के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी सोलर एनर्जी कॉरपोरेश ऑफ इंडिया ने जुलाई, 2021 और दिसंबर, 2021 के बीच आंध्र प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और तमिलनाडु के साथ बिजली बिक्री समझौते किये थे। सेकी मूल रूप से सौर विनिर्माण से जुड़ी बिजली परियोजनाओं के लिए निविदाएं आवंटित करती है।
अभियोग में नयी दिल्ली स्थित एज्योर पावर का भी नाम है। कंपनी ने चार गीगावाट की आपूर्ति के लिए समान निविदा जीती थी। लेकिन जब एज्योर महंगी बिजली खरीदने के लिए राज्यों को दी गई रिश्वत के पैसे का एक-तिहाई हिस्सा नहीं चुका सकी, तो अदाणी ने कंपनी को अपने अनुबंध का एक हिस्सा छोड़ने के लिए मजबूर किया। उस अनुबंध को बाद में सेकी के माध्यम से अदाणी ने ले लिया था।
भविष्य की कार्रवाई की अपनी योजना पर गुप्ता ने कहा, ‘‘हमारे खिलाफ कोई आरोप नहीं है। यह केवल राज्य सरकारों के खिलाफ है… इसीलिए जिनके खिलाफ आरोप हैं, उन्हें ही कार्रवाई के बारे में निर्णय करना है।’’
गुप्ता गुजरात कैडर के 1987 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं। वह 15 जून, 2023 को सेकी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक बने थे।
सेकी में शामिल होने से पहले, उन्होंने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में सचिव के रूप में काम किया।
भाषा रमण अजय
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