नयी दिल्ली, एक जुलाई (भाषा) भारत ने दूध और उससे बने उत्पादों के आयात के लिए वर्ष 2014-15 से ही कोई शुल्क दर कोटा (टीआरक्यू) नहीं दिया है। वाणिज्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को यह बात कही।
विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष कुमार सारंगी ने कहा कि बीते 20 वर्षों में टीआरक्यू के तहत दूध और स्किम्ड मिल्क पाउडर जैसे दूध-निर्मित उत्पादों के आयात पर असर केवल तीन वर्षों में पड़ा है।
सारंगी ने यहां संवाददाताओं से कहा, ”वर्ष 2014-15 से टीआरक्यू के तहत दूध और दूध उत्पादों का कोई आयात नहीं किया गया है। वर्ष 2011-12 के बाद टीआरक्यू के जरिये स्किम्ड मिल्क पाउडर का भी कोई आयात नहीं किया गया है।”
टीआरक्यू एक ऐसी व्यवस्था है जो कम सीमा शुल्क पर विशिष्ट उत्पादों की एक निश्चित मात्रा के आयात की अनुमति देती है।
इस व्यवस्था का इस्तेमाल कई तरह के उत्पादों पर किया जाता है, जिनमें ज्यादातर कृषि क्षेत्र से संबंधित होते हैं। इनमें अनाज, मांस, फल एवं सब्जियां और डेयरी उत्पाद प्रमुख हैं।
उन्होंने कहा कि इन उत्पादों के लिए आज की तारीख तक टीआरक्यू के लिए कोई आवेदन लंबित नहीं है।
सारंगी ने उस मीडिया रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि सरकार ने टीआरक्यू के तहत मक्का और वनस्पति तेलों के आयात के लिए नयी शुल्क रियायतें दी हैं।
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने किसी भी नए टीआरक्यू की घोषणा नहीं की है।
भाषा पाण्डेय प्रेम
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