यूरोपीय संघ दुग्ध क्षेत्र को खोलने पर जोर देता है, तो कोई समझौता नहीं होगा : गोयल

यूरोपीय संघ दुग्ध क्षेत्र को खोलने पर जोर देता है, तो कोई समझौता नहीं होगा : गोयल

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  • Publish Date - October 25, 2024 / 12:49 PM IST,
    Updated On - October 25, 2024 / 12:49 PM IST

(तस्वीर के साथ)

नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता वार्ता में तेजी लाने के लिए आपसी संवेदनशीलता को समझने तथा उसका सम्मान करने पर शुक्रवार को जोर दिया।

उन्होंने साथ ही स्पष्ट किया कि यदि यूरोपीय संघ दुग्ध क्षेत्र को खोलने पर जोर देता है तो कोई समझौता नहीं होगा।

‘एशिया पैसिफिक कॉन्फ्रेंस ऑफ जर्मन बिजनेस’ के यहां आयोजित 18वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा कि श्रम तथा जलवायु परिवर्तन जैसे ‘‘बाह्य’’ मुद्दों पर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चर्चा की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को एक-दूसरे की संवेदनशीलता को समझना होगा, सुनना होगा और उसकी सराहना करनी होगी।

गोयल ने कहा, ‘‘ आप (ईयू) 27 देश हैं, जिनकी अलग-अलग प्राथमिकताएं हैं। भारत में 27 राज्य हैं। हो सकता है कि मैं एक राज्य में सेब उगा रहा हूं, जो मुझे सेब क्षेत्र को खोलने की अनुमति नहीं देता है।’’

उन्होंने साथ ही कहा कि ईयू सदस्य देशों की प्रति व्यक्ति आय भारतीय राज्यों की तुलना में काफी अधिक है।

मंत्री ने कहा कि वार्ता को आगे बढ़ाने के लिए व्यापार, निवेश तथा गहन रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है।

गोयल ने कहा, ‘‘ यदि हम इन बातों का सम्मान करें तो एफटीए बेहद सम्मानजनक, सराहनीय तरीके से और तेजी से किया जा सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ सबसे पहले जो बात आती है वह यूरोपीय संघ के 27 देशों और भारत के मेरे 27 राज्यों के बीच की संवेदनशीलता है… यदि हम एक-दूसरे की संवेदनशीलता का सम्मान करते हैं, जैसा कि संयुक्त अरब अमीरात, ऑस्ट्रेलिया तथा यूरोपीय मुक्त व्यापार संगठन (ईएफटी) के साथ है… तो हम केवल एक-दूसरे की संवेदनशीलता का सम्मान करते हैं और ऐसे मुद्दों पर सीमा नहीं लांघते जो ठेस पहुंचा सकते हैं। मिसाल के तौर पर दुग्ध…, मैं दुग्ध क्षेत्र नहीं खोल सकता। यदि यूरोपीय संघ जोर देता है कि मैं दुग्ध क्षेत्र के द्वार उसके लिए खोलूं, तो कोई एफटीए नहीं होगा।’’

गोयल ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ने भारत के साथ दुग्ध क्षेत्र के बिना अपना पहला एफटीए किया क्योंकि वे भारत के मुद्दों का सम्मान करते हैं।

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा