भारत में चीनी निवेश के मानदंडों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं: डीपीआईआईटी सचिव

भारत में चीनी निवेश के मानदंडों में फिलहाल कोई बदलाव नहीं: डीपीआईआईटी सचिव

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  • Publish Date - September 25, 2024 / 05:59 PM IST,
    Updated On - September 25, 2024 / 05:59 PM IST

नयी दिल्ली, 25 सितंबर (भाषा) चीन से भारत में होने वाले निवेश मौजूदा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति के तहत नियंत्रित होते हैं और फिलहाल इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है। एक शीर्ष अधिकारी ने बुधवार को यह बात कही।

भारत के साथ जमीनी सीमा साझा करने वाले चीन जैसे देशों से आने वाले एफडीआई आवेदनों को सभी क्षेत्रों के लिए अनिवार्य रूप से सरकारी मंजूरी लेनी होती है। यह नीति अप्रैल, 2020 में जारी की गई थी।

उद्योग संवर्द्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘निवेश (चीन से) के संबंध में नीति प्रेस नोट-3 में निर्धारित की गई है, इसलिए हम उसी नीति पर कायम हैं। फिलहाल उस नीति में कोई बदलाव नहीं हुआ है। अगर कोई बदलाव होता है, तो हम आपको बता देंगे।’’

उन्होंने ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने के लिए भारत में चीनी निवेश के बारे में पूछे गए सवाल पर यह बात कही।

भाटिया ने कहा कि भारत के लिए विदेशी निवेशकों की भावनाएं सकारात्मक हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘निवेशक भारत में निवेश करने को लेकर बेहद उत्साहित हैं।’’

सरकार ने 2020 में भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों से एफडीआई के लिए अपनी मंजूरी अनिवार्य कर दी थी।

भारत के साथ भूमि सीमा साझा करने वाले देशों में चीन, बांग्लादेश, पाकिस्तान, भूटान, नेपाल, म्यांमा और अफगानिस्तान शामिल हैं।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 30 जुलाई को कहा था कि सरकार चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को समर्थन देने पर कोई पुनर्विचार नहीं कर रही है।

ये टिप्पणियां इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि 22 जुलाई को बजट-पूर्व आर्थिक समीक्षा में सुझाव दिया गया था कि वस्तुओं का आयात करने के बजाय, चीन से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश पर ध्यान केंद्रित करना अधिक आशाजनक लगता है।

अप्रैल, 2000 से मार्च, 2024 तक भारत में आए कुल एफडीआई प्रवाह में से चीन सिर्फ 0.37 प्रतिशत हिस्सेदारी (2.5 अरब डॉलर) के साथ 22वें स्थान पर है।

भाषा निहारिका अनुराग

अनुराग