नीति आयोग, वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट की परिवहन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने की पहल

नीति आयोग, वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट की परिवहन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने की पहल

  •  
  • Publish Date - August 24, 2021 / 07:37 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:29 PM IST

नयी दिल्ली, 24 अगस्त (भाषा) नीति आयोग और वर्ल्ड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (डब्ल्यूआरआई), इंडिया ने देश में परिवहन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने के लिये संयुक्त रूप से मंच (फोरम फॉर डीकार्बनाइजिंग ट्रांसपोर्ट) की शुरूआत की है। आधिकारिक बयान में मंगलवार को यह जानकारी दी गयी।

यह पहल एनडीसी-ट्रांसपोर्ट इनीशियेटिव फोर एशिया (एनडीसी-टीआईए) परियोजना का हिस्सा है।

बयान के अनुसार परियोजना का मकसद एशिया में परिवहन क्षेत्र में ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन के उच्च स्तर में कमी लाना है।

नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने वीडियो कांफ्रेन्स के जरिए मंच का उद्घाटन किया। इस दौरान विभिन्न मंत्रालयों के अधिकारियों और एनडीसी-टीआईए परियोजना भागीदारों के साथ-साथ वाहन और ऊर्जा क्षेत्र के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

बयान में कहा गया है कि देश में एक विशाल और विविध परिवहन क्षेत्र है, जो कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करने वाला तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है।

कांत ने इस मौके पर कहा कि परिवहन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने को लेकर संबंधित पक्षों का मंच देश में इलेक्ट्रिक वाहन परिवेश के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।

उन्होंने कहा कि यह मुख्य कार्यपालक अधिकारियों, शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, बहुपक्षीय एजेंसियों, वित्तीय संस्थानों के साथ-साथ केंद्र और राज्य सरकार को एक साझा मंच पर लाएगा।

कांत ने कहा कि यह व्यापार के एक अभिनव मॉडल के विकास में मदद करेगा जिसके साथ लक्षित परिणाम मिलेंगे और भारत में इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र का समग्र विकास होगा।

‘एनडीसी ट्रांसपोर्ट इनिशिएटिव फॉर एशिया’ (टीआईए 2020-2023) सात संगठनों का एक संयुक्त कार्यक्रम है। यह चीन, भारत और वियतनाम को अपने-अपने देशों में परिवहन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन कम करने के उद्देश्य से एक व्यापक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के लिए अपने साथ जोड़ेगा।

यह परियोजना अंतरराष्ट्रीय जलवायु पहल (आईकेआई) का हिस्सा है। नीति आयोग परियोजना को भारत में अमल में लाने को लेकर भागीदार है।

भाषा

रमण महाबीर

महाबीर