रूस के साथ व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत: जयशंकर

रूस के साथ व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत: जयशंकर

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  • Publish Date - November 11, 2024 / 06:22 PM IST,
    Updated On - November 11, 2024 / 06:22 PM IST

मुंबई, 11 नवंबर (भाषा) विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि भारत और रूस के बीच बढ़ते व्यापार घाटे के मुद्दे को हल करने के लिए ‘तत्काल’ कदम उठाने की जरूरत है।

चालू वित्त वर्ष (2024-25) में अप्रैल-अगस्त में भारत का रूस को निर्यात केवल 2.24 अरब डॉलर रहा, जबकि इस अवधि के दौरान आयात बढ़कर 27.35 अरब डॉलर हो गया। इस तरह व्यापार घाटा 25.11 अरब डॉलर के उच्चस्तर पर पहुंच गया है।

ऊंचे व्यापार घाटे की मुख्य वजह रूस से कच्चे तेल का आयात है।

रूस फिलहाल भारत के लिए कच्चे तेल का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बनकर उभरा है। कच्चे तेल को रिफाइनरी में पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में बदला जाता है। फरवरी, 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद कुछ यूरोपीय देशों द्वारा रूस से कच्चे तेल की खरीद से परहेज करने के बाद रूसी तेल छूट पर उपलब्ध था, जिससे भारत ने वहां से आयात बढ़ाया है।

यहां भारत-रूस व्यापार मंच को संबोधित करते हुए जयशंकर ने रूस के साथ व्यापार संतुलन को बेहतर बनाने में मदद के लिए गैर-शुल्क और नियामकीय बाधाओं को दूर करने की भी वकालत की।

उन्होंने कहा, “व्यापार संतुलन को तत्काल सुधारने की आवश्यकता है क्योंकि यह एकतरफा है। इसके लिए जरूरी है कि गैर-शुल्क बाधाओं और नियामकीय अड़चनों को दूर किया जाए।’’

उन्होंने कहा कि वर्तमान में दोनों देशों का आपसी व्यापार 66 अरब डॉलर है।

इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रीय मुद्राओं में, खासकर ‘मौजूदा परिस्थितियों’ में व्यापार के आपसी निपटान की वकालत की।

विदेश मंत्री ने कहा, “विशेष रुपया वोस्ट्रो खाते अभी एक प्रभावी तंत्र हैं। हालांकि, अल्पावधि में भी राष्ट्रीय मुद्रा निपटान के साथ बेहतर व्यापार संतुलन जरूरी है।”

जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच मॉस्को में वार्षिक शिखर सम्मेलन और पिछले महीने कज़ान में हुई बैठक ने ‘रणनीतिक दिशा’ प्रदान की है।

भाषा अनुराग अजय

अजय