नयी दिल्ली, 29 नवंबर (भाषा) पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमण्यन ने शुक्रवार को कहा कि भारत की जीएसटी व्यवस्था बहुत जटिल है और 2017 में शुरू किए गए इस सबसे बड़े अप्रत्यक्ष कर सुधार को सरल बनाने की जरूरत है।
उन्होंने यहां सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च द्वारा आयोजित कार्यक्रम में कहा, “जीएसटी व्यवस्था बहुत जटिल है। इसमें 50 (विभिन्न) उपकर दरें हैं और यदि मैं अन्य चीजों पर गौर करूं तो यह 100 दरों तक जा सकती है।”
अन्य चुनौतियों के बारे में बात करते हुए सुब्रमण्यन ने कहा कि कुछ लोगों ने मुझे बताया है कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) ने अत्यधिक कर मांग को बढ़ावा दिया है।
उन्होंने कहा कि भारतीय प्रणाली में अत्यधिक कर और उसकी मांग हमेशा से ही मौजूद रही है, लेकिन जीएसटी के तहत इसमें वृद्धि हुई है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है।
दरों को युक्तिसंगत बनाने की आवश्यकता बताते हुए उन्होंने कहा कि जीएसटी को सरल बनाने और राजस्व बढ़ाने की आवश्यकता है।
जीएसटी को एक जुलाई, 2017 को ‘एक राष्ट्र, एक कर, एक बाजार’ की शुरुआत के रूप में लागू किया गया था।
भाषा अनुराग रमण
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