कृषि-रसायनों के लिए ‘पेटेंट एवरग्रीनिंग’ हटाए जाने की जरूरतः क्रॉप केयर फेडरेशन

कृषि-रसायनों के लिए 'पेटेंट एवरग्रीनिंग' हटाए जाने की जरूरतः क्रॉप केयर फेडरेशन

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  • Publish Date - December 12, 2024 / 08:18 PM IST,
    Updated On - December 12, 2024 / 08:18 PM IST

नयी दिल्ली, 12 दिसंबर (भाषा) क्रॉप केयर फेडरेशन ऑफ इंडिया (सीसीएफआई) ने बृहस्पतिवार को सरकार से कृषि-रसायनों के लिए ‘पेटेंट एवरग्रीनिंग’ को खारिज करने का आग्रह करते हुए कहा कि इस तरह के कदम से बाजार में एकाधिकार की स्थिति पैदा होगी तथा किसानों एवं स्थानीय निर्माताओं को नुकसान होगा।

‘पेटेंट एवरग्रीनिंग’ प्रक्रिया के तहत व्यवसाय किसी छोटे उत्पाद या प्रक्रियागत समायोजन के साथ पेटेंट विस्तार के लिए आवेदन करते हैं।

उद्योग निकाय ने कृषि-रसायनों के लिए डेटा सुरक्षा प्रावधानों की जांच करने वाली नवगठित सरकारी समिति की आलोचना भी की है। उसने दावा किया कि इससे घरेलू उत्पादकों की कीमत पर बहुराष्ट्रीय निगमों और आयातकों को अनुचित रूप से फायदा होगा।

सीसीएफआई के अध्यक्ष दीपक शाह ने एक बयान में कहा कि पेटेंट सुरक्षा को 20 साल की मानक अवधि से आगे बढ़ाने से कीमतें बढ़ेंगी तथा छोटे एवं सीमांत किसानों के लिए कृषि रसायनों तक पहुंच कम हो जाएगी।

शाह ने कहा, ‘‘सरकार को घरेलू विनिर्माताओं और किसानों के हितों की रक्षा करनी चाहिए।’’

सीसीएफआई ने कहा कि वर्ष 2010 और वर्ष 2022 के बीच भारत में 62 नए कीटनाशक तत्वों का पेटेंट कराया गया था लेकिन केवल 27 को ही वाणिज्यिक रूप से पेश किया गया। शेष 35 उत्पादों में से पेटेंट की अवधि पहले ही समाप्त हो चुकी है।

वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने वर्ष 2015 में ‘कीटनाशक प्रबंधन विधेयक, 2008 के मसौदे से डेटा विशिष्टता का प्रावधान हटाने’’ का सुझाव दिया था।

देश की 50 से अधिक घरेलू कृषि कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन ने चेतावनी दी कि पेटेंट एवरग्रीनिंग से अतिरिक्त कानूनी एकाधिकार पैदा होंगे और भारतीय किसानों के लिए लागत में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

भाषा राजेश राजेश प्रेम

प्रेम