रसायन क्षेत्र में आयातित कच्चे माल पर निर्भरता घटाने की जरूरत: नड्डा

रसायन क्षेत्र में आयातित कच्चे माल पर निर्भरता घटाने की जरूरत: नड्डा

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  • Publish Date - October 18, 2024 / 05:20 PM IST,
    Updated On - October 18, 2024 / 05:20 PM IST

मुंबई, 18 अक्टूबर (भाषा) केंद्रीय मंत्री जे पी नड्डा ने रसायन और पेट्रोकेमिकल उद्योग को देश की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्तंभ बताते हुए शुक्रवार को कहा कि इस क्षेत्र को आयातित कच्चे माल पर निर्भरता की चुनौती से निपटने की जरूरत है।

रसायन एवं उर्वरक मंत्री नड्डा ने 13वें द्विवार्षिक अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी और सम्मेलन ‘इंडिया केम 2024’ को संबोधित करते हुए कहा कि देश नवाचार, पर्यावरण अनुकूलता और अपने दम पर उन्नति करने का संकल्प करता है, जो ‘2047 में विकसित भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

उद्योग मंडल फिक्की के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में नड्डा ने कहा, “सफल होने के बावजूद हमें आयातित कच्चे माल पर निर्भरता की महत्वपूर्ण चुनौती का हल निकालना होगा। हमें बायोमास प्लास्टिक अवशिष्ट और हरित हाइड्रोजन जैसे वैकल्पिक कच्चे माल की खोज करनी चाहिए। इसके साथ प्राकृतिक गैस और कोयले के घरेलू स्रोतों का विस्तार भी करना चाहिए।”

उन्होंने कहा कि स्वदेशी संसाधनों को सूचीबद्ध करके कमजोरियों को दूर किया जा सकता है और औद्योगिक सुरक्षा बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण अनुकूलता ही रसायन और पेट्रोकेमिकल उद्योग का भविष्य है।

उन्होंने कहा कि तेल से रसायन की ओर बदलाव और हरित हाइड्रोजन का विकल्प उद्योग के लिए गहन रासायनिक एकीकरण, अनुकूलित ऊर्जा उपयोग और परिपत्र अर्थव्यवस्था सिद्धांतों के माध्यम से अपार अवसर प्रदान करता है।

उन्होंने कहा, ‘हम आर्थिक वृद्धि को आगे बढ़ाते हुए अपने क्षेत्र के पर्यावरणीय दुष्प्रभावों को कम कर सकते हैं।’

नड्डा ने कहा कि भारत के रसायन एवं पेट्रोकेमिकल उद्योग का फिलहाल मूल्य करीब 220 अरब डॉलर है। इसके वर्ष 2028 तक 300 अरब डॉलर से आगे निकल जाने और 2040 तक एक लाख करोड़ डॉलर हो जाने की उम्मीद है।

भाषा अनुराग प्रेम

प्रेम