विकसित भारत का लक्ष्य पाने के लिए निजी निवेश बढ़ाने की जरूरतः आर्थिक समीक्षा

विकसित भारत का लक्ष्य पाने के लिए निजी निवेश बढ़ाने की जरूरतः आर्थिक समीक्षा

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  • Publish Date - January 31, 2025 / 03:15 PM IST,
    Updated On - January 31, 2025 / 03:15 PM IST

नयी दिल्ली, 31 जनवरी (भाषा) वर्ष 2047 तक देश को विकसित बनाने का लक्ष्य पूरा करने के लिए कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निजी निवेश बढ़ाने की जरूरत है क्योंकि सिर्फ सरकारी वित्तपोषण से जरूरी बुनियादी ढांचा नहीं तैयार किया जा सकता है। आर्थिक समीक्षा 2024-25 में यह बात कही गई है।

शुक्रवार को संसद में पेश की गई आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, देश के बुनियादी ढांचे को उन्नत करने की मांग को अकेले सार्वजनिक पूंजी ही पूरा नहीं कर सकती है।

समीक्षा के मुताबिक, परियोजनाओं की संकल्पना तैयार करने की उनकी क्षमता और जोखिम एवं राजस्व साझा करने की प्रणाली, अनुबंध प्रबंधन, संघर्ष समाधान और परियोजना समापन में उनके विश्वास को बढ़ाकर बुनियादी ढांचे में निजी भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है।

आर्थिक समीक्षा कहती है, ‘‘केंद्र सरकार के प्रयासों को पूरे देश में बुनियादी ढांचे में सार्वजनिक-निजी भागीदारी की जरूरत को पूरी तरह स्वीकार करने के साथ पूरक बनाने की जरूरत होगी। यह भी महत्वपूर्ण है कि निजी क्षेत्र इसमें सहयोग करे।’’

इसमें सुझाव दिया गया है कि कई महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में निजी भागीदारी को कार्यक्रम और परियोजना नियोजन, वित्तपोषण, निर्माण, रखरखाव, मौद्रीकरण और प्रभाव आकलन जैसे तरीकों से बढ़ाया जाना चाहिए।

आर्थिक समीक्षा के मुताबिक, भारत को उच्च वृद्धि दर बनाए रखने के लिए अगले दो दशक में बुनियादी ढांचे में निवेश लगातार बढ़ाने की जरूरत है।

समीक्षा रिपोर्ट कहती है, ‘‘देश की आजादी के 100 साल पूरे होने तक विकसित देश बनने की आर्थिक आकांक्षा को साकार करने के लिए भारत को लगभग एक या दो दशक तक स्थिर मूल्यों पर औसतन लगभग आठ प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करनी होगी।’’

आर्थिक समीक्षा में एकीकृत बहुस्तरीय परिवहन ढांचा तैयार करने के प्रयासों में तेजी लाने के साथ मौजूदा भौतिक परिसंपत्तियों को आधुनिक रूप देने से दक्षता और अंतिम-गंतव्य तक पहुंच की सुविधा बेहतर होगी।

इसमें आपदा का सामना करने में सक्षम शहरीकरण, सार्वजनिक परिवहन, विरासत स्थलों, स्मारकों और पर्यटन स्थलों के संरक्षण और रखरखाव के साथ पहुंच सुविधा और ग्रामीण सार्वजनिक बुनियादी ढांचे पर अधिक ध्यान देने को कहा गया है।

आर्थिक समीक्षा कहती है कि कई महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में कार्यक्रम और परियोजना नियोजन, वित्तपोषण, निर्माण, रखरखाव, मौद्रीकरण और प्रभाव आकलन जैसे कई तरीकों से निजी भागीदारी बढ़ाई जानी चाहिए।

इसमें सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) के कई मॉडल को अपनाने का सुझाव दिया गया है। इसके साथ निजी भागीदारी को बढ़ाने की रणनीति में शामिल सभी हितधारकों के समन्वित प्रयासों पर बल दिया गया है।

इसके मुताबिक, सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास को अपने राजकोषीय और सार्वजनिक नीति एजेंडा के केंद्र में रखा है।

भाषा प्रेम प्रेम अजय

अजय