नयी दिल्ली, 25 अक्टूबर (भाषा) कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी ने शुक्रवार को भारत और जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जिका) के बीच खेती और संबद्ध क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की वकालत की।
जिका ने ड्रोन और कृत्रिम मेधा (एआई) जैसी अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को भारतीय कृषि में जगह देने के लिए सहयोग में दिलचस्पी जताई है।
एक सरकारी बयान के मुताबिक, जिका इंडिया के मुख्य प्रतिनिधि ताकुरो ताकेयूची ने कृषि सचिव से एक शिष्टाचार मुलाकात की।
चतुर्वेदी ने ताकेयूची को इस नियुक्ति पर बधाई देने के साथ ही उम्मीद जताई कि कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में भारत और जिका के बीच सहयोग बढ़ाने का रास्ता साफ होगा।
सचिव ने मौजूदा समय में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा में जिका के सहयोग से चल रही तीन परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि अन्य राज्यों में भी आगे सहयोगात्मक परियोजनाएं शुरू किए जाने की संभावना है।
चतुर्वेदी ने भारत को ‘वैश्विक खाद्य टोकरी’ के रूप में विकसित करने के प्रधानमंत्री के संकल्प को दोहराया।
उन्होंने भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने के लिए तीन शीर्ष प्राथमिकताओं को रेखांकित किया। इनमें वैश्विक बाजारों तक पहुंच के लिए निर्यात-उन्मुख मूल्य-वर्धित बागवानी उत्पादों का विस्तार, आईओटी (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) एवं एआई के जरिये कृषि उत्पादकता बढ़ाने और मजबूत डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा विकसित करना शामिल है।
बैठक में भारतीय और जापानी विश्वविद्यालयों के बीच छात्रों के आदान-प्रदान के साथ परियोजना वाले राज्यों में कौशल एवं ज्ञान को बढ़ाने के लिए क्षमता-निर्माण कार्यक्रमों के माध्यम से अनुसंधान और शैक्षिक सहयोग के विस्तार के अवसरों पर भी प्रकाश डाला गया।
भाषा राजेश राजेश प्रेम
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