वित्तीय, गैर-वित्तीय विनियमन के बीच अंतर करने की जरूरत: सीईए नागेश्वरन

वित्तीय, गैर-वित्तीय विनियमन के बीच अंतर करने की जरूरत: सीईए नागेश्वरन

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  • Publish Date - December 11, 2024 / 01:55 PM IST,
    Updated On - December 11, 2024 / 01:55 PM IST

नयी दिल्ली, 11 दिसंबर (भाषा) मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी. अनंत नागेश्वरन ने बुधवार को कहा कि वित्तीय तथा गैर-वित्तीय क्षेत्रों के विनियमन में अंतर करने की जरूरत है, क्योंकि वित्तीय क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा से अत्यधिक जोखिम उठाने की प्रवृत्ति बढ़ सकती है और अस्थिरता आ सकती है।

नागेश्वरन ने यहां भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वैश्विक आर्थिक नीति मंच पर कहा, ‘‘ हमें वित्तीय क्षेत्र के संबंध में विनियमन और अर्थव्यवस्था के गैर-वित्तीय क्षेत्र के संबंध में विनियमन के बीच अंतर करने की जरूरत है।’’

उन्होंने कहा कि गैर-वित्तीय क्षेत्र में प्राकृतिक उपयोगिताओं के मामलों के अलावा जहां ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए नियामक की आवश्यकता होती है, प्रतिस्पर्धा या बाजार की ताकतें यह ध्यान रखेंगी कि नियामक क्या करते हैं।

सीईए ने कहा कि वित्तीय क्षेत्र में नियामकों में अत्यधिक विनियमन की प्रवृत्ति होती है, क्योंकि यदि इस क्षेत्र में कोई गड़बड़ी हो जाए तो राज्य से अपेक्षा की जाती है कि वह सहायता प्रदान करेगा तथा इसका प्रभाव प्रणालीगत होता है।

नागेश्वरन ने कहा, ‘‘ वित्तीय क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा कभी-कभी अत्यधिक जोखिम उठाने की ओर ले जाती है और प्रतिस्पर्धा स्थिरता के बजाय अस्थिरता का स्रोत बन सकती है। ऐसा अर्थव्यवस्था के गैर-वित्तीय क्षेत्र के मामले में नहीं है। 2008 का वैश्विक संकट इसी का ही एक उदाहरण है।’’

भाषा निहारिका मनीषा

मनीषा