सप्ताह में 70 घंटे काम की सलाह पर बहस नहीं ‘आत्मनिरीक्षण’ की जरूरत : नारायण मूर्ति

सप्ताह में 70 घंटे काम की सलाह पर बहस नहीं ‘आत्मनिरीक्षण’ की जरूरत : नारायण मूर्ति

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  • Publish Date - January 20, 2025 / 09:56 PM IST,
    Updated On - January 20, 2025 / 09:56 PM IST

मुंबई, 20 जनवरी (भाषा) युवाओं को सप्ताह में 70 घंटे काम करने की सलाह देने वाले इन्फोसिस के सह-संस्थापक एन आर एन नारायण मूर्ति ने सोमवार को कहा कि कोई भी किसी व्यक्ति को लंबे घंटों तक काम करने के लिए नहीं कह सकता, लेकिन हर किसी को ‘आत्मनिरीक्षण’ करना चाहिए और इसकी जरूरत को समझना चाहिए।

नारायण मूर्ति ने कहा कि उन्होंने इन्फोसिस में अपने कार्यकाल के दौरान 40 साल तक प्रति सप्ताह 70 घंटे से अधिक काम किया है।

मूर्ति ने कहा कि ये ऐसे मुद्दे हैं जिन पर आत्मनिरीक्षण की जरूरत है, न कि बहस की।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं कह सकता हूं कि मैं सुबह साढ़े छह बजे कार्यालय पहुंचता था और रात साढ़े आठ बजे कार्यालय से निकलता था, यह एक तथ्य है। मैंने ऐसा किया है। इसलिए, कोई यह नहीं कह सकता कि नहीं, यह गलत है।

आईएमसी में वार्षिक किलाचंद स्मृति व्याख्यान देने के बाद कार्य-जीवन संतुलन पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘और मैं यह काम 40 साल से कर रहा हूं।’

नारायण मूर्ति ने कहा कि जो सलाह उन्होंने दीं, उसपर लोगों को बहुत अधिक चर्चा या बहस करने की जरूरत नहीं है। इसके बजाय यह जरूरी है कि हर व्यक्ति खुद पर विचार करे, इसे समझे और फिर अपनी सोच के आधार पर एक निष्कर्ष पर पहुंचे। इसके बाद जो भी निर्णय वे लेना चाहें, ले सकते हैं।

मूर्ति ने कहा, ‘हमें अपने प्रयासों और मेहनत को इस बात से जोड़कर देखना चाहिए कि हम समाज में बदलाव लाने में कितना योगदान दे रहे हैं। खासकर, एक गरीब बच्चे के दृष्टिकोण से हमें यह समझना चाहिए कि हमारी मेहनत उस बच्चे के भविष्य को बेहतर बनाने में मदद कर रही है या नहीं।’

मूर्ति ने कहा, ‘‘यदि मैं कड़ी मेहनत करूंगा, यदि मैं समझदारी से काम करूंगा, यदि मैं अधिक राजस्व अर्जित करूंगा, यदि मैं अधिक कर चुकाऊंगा, तो वह बच्चा बेहतर स्थिति में होगा।’’

भाषा

योगेश अजय

अजय