देश भर में 1,000 वाहन कबाड़ केंद्रों की जरूरतः गडकरी

देश भर में 1,000 वाहन कबाड़ केंद्रों की जरूरतः गडकरी

  •  
  • Publish Date - December 18, 2023 / 06:29 PM IST,
    Updated On - December 18, 2023 / 06:29 PM IST

नयी दिल्ली, 18 दिसंबर (भाषा) केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने सोमवार को कहा कि देश में वाहनों को कबाड़ में बदलने वाले 1,000 केंद्रों और 400 स्वचालित फिटनेस जांच केंद्रों की जरूरत है।

गडकरी ने वाहनों उपयोगिता अवधि का प्रमाणपत्र जमा करने वाले मंच ‘डिजीईएलवी’ की शुरुआत करते हुए कहा कि सड़क परिवहन मंत्रालय ने अब तक देश भर में 85 वाहन कबाड़ केंद्रों को मंजूरी दी है।

उन्होंने कहा, ‘हमें देश भर में वाहनों को कबाड़ में बदलने वाले 1,000 केंद्रों और कम-से-कम 400 स्वचालित वाहन फिटनेस जांच केंद्रों की जरूरत है।’

डिजीईएलवी वाहनों की जीवन अवधि खत्म होने वाला प्रमाणपत्र जमा करने का एक मंच है। पुराना वाहन जमा करने का प्रमाणपत्र रखने वाला कोई भी व्यक्ति इस मंच के जरिये अपने प्रमाणपत्र को बेच सकता है। जमा प्रमाणपत्र उस समय जारी किया जाता है जब कोई उपयोगकर्ता आरवीएसएफ में अपने वाहन को कबाड़ में बदलने के लिए जमा करता है।

गडकरी ने राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति को सभी संबद्ध पक्षों के लिए फायदेमंद बताते हुए कहा कि भारत दक्षिण एशिया में वाहनों का कबाड़ में बदलने का केंद्र बन सकता है।

गडकरी ने कहा, ‘संसाधनों के अनुकूलतम उपयोग वाली (सर्कुलर) अर्थव्यवस्था बेहद अहम है और इससे देश में नौकरियां पैदा होने जा रही हैं।’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अगस्त, 2021 में राष्ट्रीय वाहन कबाड़ नीति जारी करते हुए कहा था कि इससे खस्ताहाल और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को चरणबद्ध ढंग से हटाने में मदद मिलेगी और एक ‘सर्कुलर’ अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

इस नीति के तहत केंद्र ने कहा था कि राज्य और केंद्रशासित प्रदेश पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने के बाद खरीदे जाने वाले नए वाहनों को सड़क कर पर 25 प्रतिशत तक कर छूट देंगे। वाहन कबाड़ नीति एक अप्रैल, 2022 से लागू हो गई है।

वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में घोषित कबाड़ नीति के मुताबिक, निजी वाहनों की 20 साल के बाद फिटनेस जांच की जाती है जबकि वाणिज्यिक वाहनों को 15 साल पूरे होने के बाद इसकी जरूरत पड़ेगी।

भाषा प्रेम प्रेम रमण

रमण