नयी दिल्ली, 12 जून (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली नई सरकार को आर्थिक वृद्धि को अधिक समावेशी बनाने के लिए छोटे व्यवसायों को समर्थन देने और रोजगार सृजन के लिए व्यापक और अनुकूलित दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत है। प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स (पीडब्ल्यूसी) इंडिया के चेयरपर्सन संजीव कृष्णन ने यह बात कही है।
दिग्गज पेशेवर सेवा प्रदाता कंपनी के प्रमुख ने कहा कि सहायक उद्योगों के विकास को समर्थन देना और बुनियादी ढांचे के निर्माण के अंग के तौर पर शहरी एवं ग्रामीण विकास परियोजनाओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करना इस सरकार की अन्य प्राथमिकताएं होनी चाहिए।
कृष्णन ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल की प्राथमिकताओं पर कहा, “समावेशी वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए नई सरकार को रोजगार सृजन और उत्पादकता में सुधार को प्राथमिकता देना महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने कहा कि पिछले दशक में बेहतर बुनियादी ढांचे और ऋण पहुंच के साथ कारोबारी सुगमता में सुधार से कई बाधाएं दूर हो गई हैं।
कृष्णन ने कहा, ‘अब एक विस्तृत और अनुकूलित दृष्टिकोण से छोटे क्षेत्रों में रोजगार सृजन और व्यापार को बढ़ावा देना महत्वपूर्ण होगा। इसके साथ उत्पादकता बढ़ाना भी उतना ही अहम होगा। उत्पादन प्रोत्साहन योजनाओं सहित नियामकीय समर्थन और प्रोत्साहन, नवाचार को बढ़ावा देने में मदद कर सकते हैं।’
उन्होंने कहा कि सरकार या निजी कंपनियों द्वारा प्रबंधित शोध एवं विकास केंद्रों को बढ़ावा देने से कारोबार में प्रवेश संबंधी बाधाओं को कम किया जा सकता है और स्टार्टअप फर्मों को प्रोत्साहन मिल सकता है।
पीडब्ल्यूसी इंडिया के प्रमुख का मानना है कि भले ही सरकार ने अंतरिम बजट में शोध एवं विकास के लिए बजटीय आवंटन की घोषणा की है, लेकिन इस पर त्वरित क्रियान्वयन और उस पूल का विस्तार भी महत्वपूर्ण होगा।
उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा, इलेक्ट्रिक परिवहन, सेमीकंडक्टर और कृत्रिम मेधा (एआई) जैसे उभरते क्षेत्रों को मदद करने वाले सहायक उद्योगों के विकास का समर्थन करने का मामला उठाया।
भाषा अजय अनुराग प्रेम
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