एनडीआरआई जलवायु-अनुकूल पशुधन के लिए जीन-संपादित भ्रूण प्रत्यारोपण को तैयार

एनडीआरआई जलवायु-अनुकूल पशुधन के लिए जीन-संपादित भ्रूण प्रत्यारोपण को तैयार

  •  
  • Publish Date - September 7, 2024 / 01:48 PM IST,
    Updated On - September 7, 2024 / 01:48 PM IST

(लक्ष्मी देवी ऐरे)

करनाल, सात सितंबर (भाषा) राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान (एनडीआरआई) अब जलवायु-अनुकूल पशुधन विकसित करने के लिए एक ‘सरोगेट’ मां पशु में जीन-संपादित भ्रूण प्रत्यारोपित करने के लिए तैयार है। संस्था के निदेशक धीर सिंह ने यह जानकारी दी।

इस कदम का उद्देश्य पर्यावरणीय तनावों को संभालने और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के बीच टिकाऊ डेयरी फार्मिंग का समर्थन करना है।

उन्होंने एक साक्षात्कार में पीटीआई-भाषा को बताया कि इसके लिए चुनौतियों का बेहतर ढंग से मुकाबला करने वाले पशुधन को तैयार किया जाना है।

एनडीआरआई ने जीन संपादन तकनीक का उपयोग करके भ्रूण को सफलतापूर्वक संशोधित किया है, जिसे हाल ही में एक वैज्ञानिक रिपोर्ट में दर्ज किया गया है।

सिंह ने कहा, ”इन जीन-संपादित भ्रूणों को अब ‘सरोगेट’ पशुओं में प्रत्यारोपित किया जाएगा, जो बढ़ते तापमान और अन्य जलवायु चुनौतियों के बीच उत्पादकता बनाए रखने वाले पशुधन को विकसित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।”

उन्होंने कहा कि अधिक दूध उत्पादन वाले पशुधन अक्सर जलवायु के प्रति कम लचीले होते हैं। इस प्रकार, एनडीआरआई अधिक दूध उत्पादन वाले पशुओं को जीन संपादन के जरिये जलवायु के अनुकूल बनाने पर काम कर रहा है।

उन्होंने कहा कि एनडीआरआई गैर-जलवायु अनुकूल जीन को जलवायु अनुकूल जीन से बदलकर ऐसे पशुओं को तैयार कर रहा है, जो जलवायु चुनौतियों का बेहतर ढंग से सामना कर सकें।

एनडीआरआई निदेशक ने किसानों को आईसीएआर के तहत आने वाले कृषि विज्ञान केंद्रों के व्यापक नेटवर्क का लाभ उठाने की भी सलाह दी।

भाषा पाण्डेय

पाण्डेय