नयी दिल्ली, 14 अगस्त (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने कैफे कॉफी डे श्रृंखला का परिचालन करने वाली कॉफी डे एंटरप्राइजेज लिमिटेड (सीडीईएल) के खिलाफ दिवाला कार्यवाही पर बुधवार को अगली सुनवाई तक रोक लगा दी।
एनसीएलएटी की चेन्नई, पीठ ने कंपनी के निलंबित निदेशक मंडल की कार्यकारी निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी मालविका हेगड़े द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान इस बारे में राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरएण के आदेश के अमल पर रोक लगा दी।
एनसीएलएटी ने सीडीईएल के वित्तीय ऋणदाता आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड (आईडीबीआईटीएसएल) को कंपनी के प्रस्तुतीकरण पर जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। आईडीबीआईटीएसएल ने 228.45 करोड़ रुपये की चूक का दावा किया है।
न्यायमूर्ति शरद कुमार शर्मा और न्यायमूर्ति जतिन्द्रनाथ स्वैन की पीठ ने कहा, ‘‘ ऐसी परिस्थितियों में, प्रतिवादियों को तीन सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है। सूचीबद्ध होने की अगली तिथि तक, अपीलकर्ता (सीडीईएल) को धारा-7 की प्रक्रियाओं में शामिल करने संबंधी विवादित आदेश को स्थगित रखा जाएगा।’’
हालांकि, पीठ ने सीडीईएल के चूककर्ता की स्थिति पर टिप्पणी से बचते हुए कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर बाद में निर्णय लिया जाएगा।
पीठ ने कहा, ‘‘ अभी हम केवल पक्षकारों द्वारा प्रस्तुत तर्क पर विचार कर रहे हैं, जो प्रतिवादी (आईडीबीआईटीएसएल) द्वारा धारा-7 के तहत कार्यवाही शुरू करने में की गई प्रक्रियागत त्रुटि से संबंधित है, जो पक्षकारों द्वारा भरोसा किए गए न्यास विलेख (ट्रस्ट डीड) की शर्तों के तहत अनिवार्य थी।’’
एनसीएलटी की बेंगलुरु पीठ ने आईडीबीआई ट्रस्टीशिप सर्विसेज लिमिटेड (आईडीबीआई टीएसएल) द्वारा दायर याचिका को आठ अगस्त को स्वीकार कर लिया था, जिसमें 228.45 करोड़ रुपये की चूक का दावा किया गया था। पीठ ने कर्ज में डूबी कंपनी के परिचालन की देखरेख के लिए एक अंतरिम समाधान पेशेवर की नियुक्ति की थी।
भाषा निहारिका अजय
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