नयी दिल्ली, 17 जनवरी (भाषा) राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय अधिकरण (एनसीएलएटी) ने आईएलएंडएफएस फाइनेंशियल सर्विस (आईएफआईएन) के 593 करोड़ रुपये के दावों को बहाल कर दिया है। साथ ही एटिवो इकोनॉमिक जोन्स की मौजूदा दिवाला समाधान प्रक्रिया में ऋणदाताओं की समिति में उसके मतदान अधिकार भी बहाल कर दिए हैं।
इससे पहले, कोलकाता स्थित श्रेई इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस (एसआईएफएल) का हिस्सा और औद्योगिक पार्कों के विकास, प्रबंधन व विपणन के व्यवसाय में शामिल एटिवो इकोनॉमिक जोन्स के अंतरिम समाधान पेशेवर ने 12 सितंबर 2023 को आईएलएंडएफएस समूह इकाई के दावों को खारिज कर दिया था।
आईएलएंडएफएस ने इसे एनसीएलएटी के समक्ष चुनौती दी थी। एनसीएलएटी ने कहा कि उसने पहले ही एक आदेश पारित कर दिया है, जिसमें ‘‘ एटिवो इकोनॉमिक जोन (मुंबई) के संबंध में समझौते को समाप्त करने की अनुमति नहीं दी गई है।’’
एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने कहा, ‘‘ इसलिए आईएफआईएन के दावे को खारिज करने वाले 12 सितंबर 2023 के पत्र को जारी करने का आधार ही खत्म हो गया है।’’
पीठ में एनसीएलएटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक भूषण और सदस्य (तकनीकी) बरुण मित्रा भी शामिल थे।
एनसीएलएटी ने कहा, ‘‘ आईआरपी द्वारा 12 सितंबर 2023 का पत्र रद्द किया जाता है। सीआईआरपी में स्वीकार किए गए आईएफआईएन के दावे और 39.14 प्रतिशत मतदान अधिकार को एटिवो इकोनॉमिक जोन (मुंबई) प्राइवेट लिमिटेड के सीआईआरपी में बहाल किया जाता है।’’
आईएफआईएन ने करीब 593 करोड़ रुपये का दावा दायर किया था और एटिवो इकोनॉमिक जोन के आईआरपी ने इसे स्वीकार कर लिया तथा ऋणदाताओं के निकाय ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) में 39.14 प्रतिशत की हिस्सेदारी आवंटित की।
भाषा निहारिका मनीषा
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